पूर्व विधायक जीतू जिराती ने कहा-मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता
जीतू जिराती की कैलाश विजयवर्गीय खेमे से ज्यादा नजदीकी है। परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई राऊ सीट से पहली बार जिराती को टिकट दिलाने में विजयवर्गीय ने महत्पूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने पहला चुनाव जीतू पटवारी को हराकर जीता था।
इंदौर, (आरएनआई) भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष जीतू जिराती ने मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में खुद को टिकट की दौड़ से बाहर कर लिया है। उन्होंने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें उज्जैन संभाग की जिम्मेदारी दी गई । वे वहां संगठन का काम करना चाहते है, इसलिए वे खुद किसी सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहते है।
जीतू जिराती फिलहाल प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष है और राऊ से विधायक भी रह चुके है। खाती समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले जिराती का नाम राऊ और कालापीपल सीट के लिए चल रहा था।
राऊ से भाजपा ने मधु वर्मा को उम्मीदवार बनाया है,जबकि चर्चा थी कि कालापीपल में खाती समाज का वोटबैंक है, वहां से जिराती को लड़ाया जा सकता है,लेकिन जिराती के पत्र से साफ हो गया कि वे दूसरी सीट से भी टिकट की दौड़ से बाहर है। पहली सूची जारी होने के बाद खाती समाज के प्रतिनिधि भाजपा नेताअेां से भी मिले थे और समाज के किसी व्यक्ति को टिकट देने की मांग की थी।
जीतू जिराती की कैलाश विजयवर्गीय खेमे से ज्यादा नजदीकी है। परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई राऊ सीट से पहली बार जिराती को टिकट दिलाने में विजयवर्गीय ने महत्पूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने पहला चुनाव जीतू पटवारी को हराकर जीता था। वर्ष 2013 में भाजपा ने उन्हें फिर टिकट दिया, लेकिन पटवारी ने दूसरी बार उन्हें हरा दिया था।
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