पूर्व प्रिंसिपल के कार्यकाल में हुए वित्तीय लेनदेन की जांच करेगी SIT
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान हुए वित्तीय लेनदेन की जांच की जाएगी। पश्चिम बंगाल सरकार ने कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। साथ ही एक महीने के भीतर वित्तीय जांच की रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए गए हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले के तुरंत बाद इस्तीफा देने से पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मामले को लेकर जहां एक तरफ सीबीआई उसने पूछताछ कर रही है। वहीं, अब उनके कार्यकाल के दौरान हुए वित्तीय लेनदेन की भी जांच की जाएगी। पश्चिम बंगाल सरकार ने कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। साथ ही एक महीने के भीतर वित्तीय जांच की रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को सभी केंद्रीय सरकारी अस्पतालों में लागू किए जाने वाले सुरक्षा उपायों की एक सूची जारी की, जिसमें प्रवेश और निकास की सख्त निगरानी और रात में महिला स्वास्थ्य पेशेवरों को एस्कॉर्ट प्रदान करना शामिल है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह कदम रेजिडेंट डॉक्टरों के देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच उठाया है। डॉक्टर प्रशिक्षु से दुष्कर्म और हत्या के बाद स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा की जांच के लिए एक विशेष केंद्रीय कानून की मांग कर रहे हैं।
बंगाल सरकार के गृह और पहाड़ी मामलों के विभाग की आंतरिक सुरक्षा शाखा के एक नोट में कहा गया है कि पुलिस महानिरीक्षक डॉ. प्रणव कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है। टीम जनवरी 2021 से अब तक की अवधि में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच करेगी। एसआईटी को कार्य को शीघ्र पूरा करने के लिए आवश्यक सरकारी विभागों और निजी एजेंसियों से किसी भी प्रासंगिक दस्तावेज तक पहुंचने की स्वतंत्रता होगी। सरकारी आदेशानुसार, 'एसआईटी अपने गठन की तारीख से एक महीने के भीतर अपनी पहली रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी।'
केंद्र सरकार ने सभी अस्पतालों के प्रमुखों को एक संदेश भेजा है, जिसमें उनसे महिला स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए बुनियादी सुविधाओं के साथ पर्याप्त संख्या में सुरक्षित ड्यूटी रूम सुनिश्चित करने और रात में महिला स्वास्थ्य पेशेवरों की तैनाती एक से अधिक संख्या में करने के लिए कहा है। ड्यूटी के दौरान उन्हें परिसर में ले जाया जाना चाहिए और रात में किसी भी आवाजाही के लिए उनके लिए सुरक्षित परिवहन की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए।
मंत्रालय ने कहा, कर्मचारियों के विरुद्ध हिंसा या उत्पीड़न संचालन को बाधित कर सकता है। रोगियों को प्रदान की जाने वाली देखभाल की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। मरीजों की भीड़ से संघर्ष और सुरक्षा उल्लंघन की संभावना बढ़ जाती है। इन चिंताओं को दूर करने के लिए सुरक्षा के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता है जो मरीजों, कर्मचारियों और सुविधा की अखंडता की सुरक्षा के लिए प्रभावी उपायों के साथ पहुंच को संतुलित करे।
मंत्रालय ने कहा, 'डॉक्टरों, नर्सों और प्रशासनिक कर्मियों सहित सभी अस्पताल कर्मचारियों को सुरक्षा खतरों को पहचानने और उनका जवाब देने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। उन्हें आपातकालीन स्थितियों को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए उचित कौशल से लैस किया जाना चाहिए।' अस्पताल परिसर में अंधेरे स्थानों की मैपिंग करने और विशेष रूप से महिला स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों के ड्यूटी क्षेत्रों, पार्किंग स्थल, प्रवेश द्वार आदि में पर्याप्त रोशनी सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है।
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