पूर्व अंडरवर्ल्ड डॉन गवली की समय पूर्व रिहाई पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
अरुण गवली को शिवसेना विधायक कमलाकर जमसेंदेवर की हत्या के जुर्म में साल 2012 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। गवली पर हत्या और मकोका समेत कई धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट आज गैंगस्टर से नेता बने अरुण गवली की समयपूर्व रिहाई के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा। याचिका में बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें उसके समय पूर्व रिहाई का का रास्ता साफ किया गया है। बता दें, गवली हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। गवली को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के प्रावधानों के तहत भी दोषी ठहराया गया था। याचिका पर सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार और संदीप मेहता की अवकाश पीठ करेगी।
उम्रकैद की सजा काटने के बाद कुख्यात अपराधी अरुण गवली ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और बाकी सजा कम करने की अपील की थी। अरुण गवली ने उम्र की शर्त पूरी करने के आधार पर जल्द रिहाई के लिए अदालत में अर्जी दाखिल की थी और 2006 के एक सरकारी निर्णय के आधार पर समय पूर्व रिहाई का पात्र बताया था। इस पर गवली को बॉम्बे हाईकोर्ट ने राहत दी थी। हाईकोर्ट उम्रकैद की सजा काट रहे 69 वर्षीय अरुण को समय पूर्व जेल से रिहा करने का निर्देश दिया था।
अरुण गवली को शिवसेना विधायक कमलाकर जमसेंदेवर की हत्या के जुर्म में साल 2012 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। गवली पर हत्या और मकोका समेत कई धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं। मुंबई में उसके डॉन वाले रुतबे का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 1993 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के बाद बाल ठाकरे ने उसे भारत के दाऊद इब्राहिम की उपाधि दी थी। बाल ठाकरे ने कहा था 'अगर पाकिस्तान के पास दाऊद है, तो हमारे पास गवली है।'
अरुण गवली को लोग 'डैडी' के नाम से भी जानते हैं। उसके ऊपर 'डैडी' नाम की एक फिल्म भी बन चुकी है, जिसका निर्देशन असीम अहलूवालिया ने किया था। पिछले साल रिलीज हुई इस फिल्म में अभिनेता अर्जुन रामपाल ने गवली का किरदार निभाया था।
नागपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली ने महात्मा गांधी के विचारों पर आधारित परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया था। अरुण गवली ने गांधीवाद पर हुई परीक्षा में 80 में से 74 सवालों का सही जवाब दिया और परीक्षा में टॉप कर गया था।
सहयोग ट्रस्ट के ट्रस्टी रवींद्र भूसरि ने बताया था कि नागपुर सेंट्रल जेल में 1 अक्टूबर, 2017 को गांधीवाद से जुड़ी परीक्षा हुई थी, जिसमें कुल 160 कैदियों ने भाग लिया था। इसमें 12 कैदी मृत्युदंड की सजा काट रहे हैं, जबकि कई उम्रकैद और अन्य मामलों में जेल में बंद हैं। उन्होंने बताया 'अरुण गवली ने बाकी उम्मीदवारों को बम्बई सर्वोदय मंडल (बीएसएम), मुंबई से बेहतरीन अध्ययन सामग्री और अन्य साहित्य भेजा जाता देखकर इस परीक्षा में भाग लेने की इच्छा जाहिर की थी। उसने गांधीवाद से जुड़े कुल 80 सवालों में से 74 सवालों के सही जवाब दिए हैं। हमें खुशी है कि उसने जेल में गांधीवाद के सिद्धांतों को आत्मसात करने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं।
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