पूर्व CM नायडू को अंगल्लू 307 मामले में हाईकोर्ट से राहत
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने फाइबरनेट घोटाला मामले में अग्रिम जमानत देने से इनकार करने के आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
आंध्र प्रदेश, (आरएनआई) हाईकोर्ट ने पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को बड़ी राहत दी है। अदालत ने टीडीपी प्रमुख को अंगल्लू 307 मामले में अग्रिम जमानत दे दी है। वहीं, नायडू ने फाइबरनेट मामले में अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। बता दें, चंद्रबाबू नायडू इस समय करोड़ों रुपये के कौशल विकास घोटाला मामले में राजमुंदरी जेल में बंद हैं।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने फाइबरनेट घोटाला मामले में अग्रिम जमानत देने से इनकार करने के आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ दिन में बाद में मामले की सुनवाई करेगी। इसके अलावा, पीठ दोपहर दो बजे कौशल विकास घोटाला मामले में एफआईआर रद्द करने की नायडू की याचिका पर भी सुनवाई करेगी।
सोमवार को नायडू को बड़ा झटका लगा था। आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के तीन मामलों इनर रिंग रोड, फाइबर नेट और अंगल्लू 307 में टीडीपी प्रमुख की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। ये तीनों मामले वाईएसआरसीपी के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा नायडू के खिलाफ दर्ज किए गए समान कथित भ्रष्टाचार के मामले हैं। अंगल्लू मामला चार अगस्त को टीडीपी प्रमुख द्वारा निकाली गई एक राजनीतिक रैली के दौरान हुए दंगों से जुड़ा है। हालांकि, बुधवार को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने अमरावती इनर रिंग रोड मामले में चंद्रबाबू नायडू को अग्रिम जमानत दे दी थी। वहीं, आज यानी 13 अक्तूबर को अंगल्लू 307 मामले में उनको अग्रिम जमानत दे दी गई है।
फाइबरनेट घोटाला मामले में गुरुवार को एसीबी अदालत ने सीआईडी को मामले में चंद्रबाबू के लिए प्रिजनर इन ट्रांजिट (पीटी) वारंट जारी करने की अनुमित दे दी थी। विजयवाड़ा की एसीबी अदालत ने तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख को सोमवार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच पेश करने का आदेश दिया है। बता दें, कौशल विकास मामले और अमरावती इनर रिंग रोड मामले के बाद यह तीसरा भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें चंद्रबाबू नायडू को आरोपी बनाया गया है।
फाइबरनेट घोटाला नियमों का उल्लंघन करके एक पसंदीदा कंपनी को 330 करोड़ रुपये के एपी फाइबरनेट प्रोजेक्ट के चरण -1 के लिए कार्य आदेश आवंटित करने के लिए निविदा प्रक्रिया में कथित हेरफेर का मामला है। यह घोटाला कथित तौर पर तब हुआ जब नायडू के पास ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और निवेश विभाग का प्रभार था।
सीआईडी ने आरोप लगाया कि टेंडर आवंटित करने से लेकर पूरे प्रोजेक्ट के पूरा होने तक कई अनियमितताएं हुईं, जिससे राजकीय कोष को खासा नुकसान हुआ है। परियोजना को निष्पादित करते समय घटिया सामग्री के उपयोग, शर्तों का उल्लंघन और आरएफपी में उल्लिखित विशिष्टताओं का पालन न करने के कारण ऑप्टिक फाइबर केबल की लगभग 80 प्रतिशत क्षमता अनुपयोगी हो गई थी।
चंद्रबाबू नायडू को पिछले महीने आंध्र प्रदेश आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने गिरफ्तार किया था। जबकि चंद्रबाबू कौशल विकास मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें बुधवार को अमरावती इनर रिंग रोड मामले में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने 16 अक्तूबर तक अग्रिम जमानत दे दी थी।
Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z
What's Your Reaction?