पूजा स्थल कानून: सुप्रीम कोर्ट में विशेष प्रावधानों पर चुनौती
सुप्रीम कोर्ट 12 दिसंबर को पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। याचिकाओं में किसी पूजा स्थल को फिर से पाने या 15 अगस्त 1947 को प्रचलित स्वरूप में परिवर्तन की मांग करने के लिए मुकदमा दायर करने पर रोक लगाने वाले प्रावधानों को चुनौती दी गई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की विशेष पीठ दोपहर 3.30 बजे मामले की सुनवाई करेगी।
नई दिल्ली (आरएनआई) इससे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने इस दावे कि मस्जिदों के नीचे मंदिर हैं को लेकर आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी का हर 'वाहिनी', 'परिषद' और 'सेना' के पीछे एक अदृश्य हाथ है।
उन्होंने कहा कि भारत के लोगों को ऐसे इतिहास को लेकर लड़ाई में धकेला जा रहा है, जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं था। कोई भी देश महाशक्ति नहीं बन सकता, अगर उसकी 14 प्रतिशत आबादी इस तरह के लगातार दबाव का सामना करे। हर 'वाहिनी', 'परिषद', 'सेना' आदि के पीछे सत्तारूढ़ पार्टी का अदृश्य हाथ है। ऐसे में लोगों का कर्तव्य है कि वे पूजा स्थल अधिनियम की रक्षा करें और इन झूठे विवादों को खत्म करें।
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