पुष्टि मार्गीय सम्प्रदाय की बहुमूल्य निधि थे : कांकरोली नरेश ब्रजेश कुमार महाराज
वृन्दावन। चैतन्य विहार-पापड़ी चौराहा स्थित भक्ति मन्दिर में पुष्टि मार्गीय तृतीय पीठ के पीठाधीश्वर कांकरोली नरेश ब्रजेश कुमार महाराज के बड़ोदरा (गुजरात) में हुए आकस्मिक गौलोक गमन पर श्रृद्धांजलि सभा का आयोजन सम्पन्न हुआ।
श्रृद्धांजलि सभा की अध्यक्षता करते हुए भक्ति मन्दिर के सेवायत डॉ. सहदेव कृष्ण चतुर्वेदी ने कहा कि कांकरोली नरेश ब्रजेश कुमार महाराज हिन्दी व संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे।भारत की पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने उन्हें सन 2009 में 'ब्रह्मर्षि' की उपाधि से अलंकृत किया था।उनके द्वारा समूचे देश में मथुरा के ठाकुर द्वारकाधीश मंदिर के अलावा लगभग 175 मंदिरों की स्थापना की गयी।जिनके संचालन की पूरी व्यवस्था उनके द्वारा ही की जाती थी।
मथुरा स्थित जिलाधिकारी कार्यालय के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी हरदेव कृष्ण चतुर्वेदी ने कहा कि कांकरोली नरेश ब्रजेश कुमार महाराज पुष्टि मार्गीय सम्प्रदाय की बहुमूल्य निधि थे।उन्होंने इस सम्प्रदाय को आजीवन अत्यंत समृद्ध व उन्नत बनाया।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि पुष्टि मार्गीय सम्प्रादायाचार्य ब्रजेश कुमार महाराज सहजता,सरलता व उदारता की प्रतिमूर्ति थे।उन्होंने समूचे देश में लोक कल्याण के अनेकानेक कार्य किए।
अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि कांकरोली नरेश ब्रजेश कुमार महाराज को शास्त्रीय संगीत में भी महारथ हासिल था।उन्होंने मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स से स्नातक की डिग्री हासिल की थी।
श्रृद्धांजलि सभा में आचार्य रामविलास चतुर्वेदी, आचार्य बद्रीश महाराज, द्वारकाधीश मंदिर के विधि व मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट,आशीष चतुर्वेदी, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, महंत रामदेव चतुर्वेदी,वरिष्ठ पत्रकार विनोद चूड़ामणि,नारायण चतुर्वेदी, आचार्य विष्णु मोहन नागार्च, पंडित सतेंद्र जोशी, युगल गोस्वामी, विष्णुकांत भारद्वाज ब्रजवासी भैया, आचार्य ईश्वरचंद्र रावत आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।
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