पीड़िता की पहचान उजागर करने पर पुलिस सख्त, BJP की पूर्व सांसद और दो डॉक्टरों को समन जारी
एक अधिकारी ने बताया कि इन तीन लोगों के अलावा पुलिस ने घटना के बारे में गलत सूचना फैलाने के आरोप में 57 अन्य लोगों को भी समन जारी किया है।
कोलकाता (आरएनआई) कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना से देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस मामले में लगातार नए-नए पहलू सामने आ रहे। अब पुलिस ने भाजपा की पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी और दो नामी डॉक्टरों को समन जारी किया है। दरअसल, इन पर कथित तौर पर अफवाह फैलाने और पीड़िता की पहचान उजागर करने का आरोप है।
एक अधिकारी ने बताया कि इन तीन लोगों के अलावा पुलिस ने घटना के बारे में गलत सूचना फैलाने के आरोप में 57 अन्य लोगों को भी समन जारी किया है। उन्होंने बताया कि डॉ. कुणाल सरकार और डॉ. सुबर्णा गोस्वामी को रविवार दोपहर तीन बजे लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया गया है।
उन्होंने बताया कि इन लोगों पर पीड़ित की पहचान उजागर करने, अफवाहें फैलाने और फर्जी खबरें फैलाने का आरोप है।
प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कुणाल सरकार से जब न्यूज एजेंसी ने संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उन्हें पुलिस से समन मिला है। उन्होंने कहा, 'हां, मुझे समन मिला है। लेकिन इस समय, मैं शहर से बाहर हूं और कोलकाता पुलिस को इसके बारे में जानकारी दे दी है। मुझे नहीं पता कि उन्होंने मुझे क्यों बुलाया, लेकिन ऐसा लगता है कि सोशल मीडिया पर मेरी कुछ टिप्पणियों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ प्रतिक्रियाएं आई हैं। शायद इसी वजह से मुझे समन मिला है।
पूर्व बर्धमान जिले के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुबर्णा गोस्वामी ने कहा कि उन्हें अभी तक समन नहीं मिला है। उन्होंने कहा, 'मुझे अभी तक कोई समन नहीं मिला है। मैं नहीं जानता कि कोलकाता पुलिस मुझे समन क्यों जारी करेगी, जब वे मामले की जांच नहीं कर रहे हैं। मैं कहता रहा हूं कि मैं हर संभव तरीके से जांच में सहयोग करूंगा। मैंने पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की और न ही कोई अफवाह फैलाई।
हुगली निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा की पूर्व सांसद चटर्जी ने कहा, 'मुझे अब तक कोई समन नहीं मिला है। कोलकाता पुलिस के पास और क्या काम है? पूरा देश और पूरा प्रदेश न्याय मांग रहा है। उन्हें जांच में सहयोग करना जरूरी नहीं लगता। यह एक रीढ़विहीन पुलिस है। वे केवल सोशल मीडिया पोस्ट पर केंद्रित हैं। वे कितने लोगों को बुलाएंगे? क्या उनके पास करोड़ों लोगों को रखने की जगह है? हम सब वहां एक साथ जाएंगे। हमने देखा है कि उन्होंने सबूतों से छेड़छाड़ करने के लिए क्या किया है। उन्होंने 42 डॉक्टरों का तबादला भी कर दिया। हम पुलिस पर भरोसा कैसे कर सकते हैं? यह उनकी निजी सेना है। टीएमसी के राज्यसभा सांसद भी कोलकाता पुलिस कमिश्नर के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा था कि बहुत सारी अफवाहें फैलाई गई हैं, जिससे उनकी जांच प्रभावित हुई है और कानून व्यवस्था के लिए खतरा पैदा हुआ है।
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