पीएमएलए कोर्ट में हेमंत सोरेन ने दायर की जमानत याचिका
सोरेन की ओर से पीएमएलए अदालत में पेश हुए वकील अरुणाभ चौधरी द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि सोरेन के खिलाफ दर्ज मामला और गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है। केंद्र सरकार प्रमुख विपक्षी नेताओं को डराने, धमकाने और अपमानित करने की साजिश रच रही है।
रांची (आरएनआई) झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद हैं। इस बीच, मंगलवार को उन्होंने रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की। उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित थी। उनकी गिरफ्तारी उन्हें भाजपा में शामिल कराने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी। गौरतलब है कि 31 जनवरी 2024 को कथित भूमि घोटाला मामले में ईडी ने सोरेन को गिरफ्तार किया था।
सोरेन की ओर से पीएमएलए अदालत में पेश हुए वकील अरुणाभ चौधरी द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि सोरेन के खिलाफ दर्ज मामला और गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है। केंद्र सरकार प्रमुख विपक्षी नेताओं को डराने, धमकाने और अपमानित करने की साजिश रच रही है और यह गिरफ्तारी भी उसी सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। जिससे उन्हें भाजपा में शामिल होने या फिर एनडीए का हिस्सा बनने के लिए उन्हें मजबूर किया जा सके। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 23 अप्रैल तय की।
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सात घंटे की पूछताछ के बाद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले सोरेन को ईडी की हिरासत में राज्यपाल से मिलकर सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की गई उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी।
ईडी ने हाल ही में सोरेन और उनके सहयोगियों की रांची में जमीन कुर्क की थी, जिसकी कीमत 8.86 करोड़ है। ईडी ने सोरेन के अलावा, भानु प्रताप प्रसाद, राज कुमार पाहन, हिलारियास कच्छप और बिनोद सिंह के खिलाफ 30 मार्च को पीएमएलए अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया था। मामले में मुख्य आरोपी झारखंड राजस्व विभाग के पूर्व अधिकारी और सरकारी रिकॉर्ड के संरक्षक प्रसाद हैं, जिन पर आरोप है कि उन्होंने सोरेन सहित कई लोगों को अवैध कब्जे, अधिग्रहण से जुड़ी गतिविधियों में सहायता प्रदान करके अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया। ईडी ने अपने आरोप पत्र में कहा कि प्रसाद एक ऐसे सिंडिकेट का सदस्य था, जो फर्जी तरीकों से जमीन हासिल करने में शामिल था। वह मूल सरकारी रजिस्टरों के साथ छेड़छाड़, सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी और फर्जी दस्तावेज बनाना शामिल था।
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