पावेल ड्यूरोव की कई देशों की नागरिकता ने बढ़ाया रहस्य, पांच देशों के नागरिक हैं टेलीग्राम के सीईओ
ड्यूरोव के पास रूस, फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात, सेंट किट्स और नेविस की नागरिकता है। ड्यूरोव मूल रूप से रूस के निवासी हैं, लेकिन करीब एक दशक पहले ड्यूरोव ने रूस छोड़ दिया था।
पेरिस (आरएनआई) मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम के संस्थापक और सीईओ पावेल ड्यूरोव के खिलाफ फ्रांस की अदालत में आरोप तय किए गए हैं। ड्यूरोव गिरफ्तारी के बाद से ही पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बने हुए हैं। ड्यूरोव की चर्चा उनकी कई देशों का नागरिकता को लेकर भी हो रही है। गौरतलब है कि ड्यूरोव के पास एक-दो नहीं बल्कि पूरे पांच देशों की नागरिकता है। टेलीग्राम पर आरोप है कि इस प्लेटफॉर्म पर ड्रग तस्करों, मनी लॉन्ड्रिंग, उग्रवादी समूहों और बच्चों से संबंधित अश्लील कंटेंट को बढ़ावा दिया जाता है। इन्हीं मामलों में ड्यूरोव को शनिवार को फ्रांस में गिरफ्तार किया गया और बुधवार को उन पर आरोप तय कर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
ड्यूरोव के पास रूस, फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात, सेंट किट्स और नेविस की नागरिकता है। ड्यूरोव मूल रूप से रूस के निवासी हैं, लेकिन करीब एक दशक पहले ड्यूरोव ने रूस छोड़ दिया था। इसके बाद ड्यूरोव ने संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में रहने के लिए एक निवास वीजा हासिल किया। इसके बाद साल 2013 में ड्यूरोव ने कैरिबियाई देश सेंट किट्स और नेविस का पासपोर्ट हासिल किया। सेंट किट्स और नेविस अमीर लोगों के लिए कर स्वर्ग के रूप में जाने जाते हैं और इन दोनों देशों के पासपोर्ट्स से यूरोपीय देशों और ब्रिटेन की बिना वीजा यात्रा की जा सकती है।
2017 तक, डुरोव दुबई में पूर्णकालिक रूप से रह रहे थे, उनका टेलीग्राम कार्यालय भी दुबई मीडिया सिटी से संचालित हो रहा है। जब दुबई ने पावेल ड्यूरोव को नागरिकता दी थी तो उस वक्त ड्यूरोव की कुल संपत्ति 30 करोड़ डॉलर और 2000 बिटकॉइन थी। यह साफ नहीं हो पाया है कि यूएई ने ड्यूरोव को नागरिकता क्यों दी। अब जब फ्रांस में ड्यूरोव को गिरफ्तार किया गया, तो यूएई ने तुरंत फ्रांस की सरकार से ड्यूरोव को काउंसलर एक्सेस देने की मांग की थी। ड्यूरोव की फ्रांसीसी नागरिकता को लेकर सबसे ज्यादा रहस्य है। ड्यूरोव ने आधिकारिक तौर पर साल 2021 में फ्रांस की नागरिकता ली थी और मई 2022 में ड्यूरोव ने अपना नाम बदलकर फ्रेंच भाषा में पॉल डु रोव कर लिया था। हालांकि बाद में जब टेलीग्राम पर आपराधिक आरोप लगे तो ड्यूरोव फ्रांस से निकल गए। हालांकि इसे लेकर अभी भी असमंजस है कि जब ड्यूरोव को पता था कि उनके खिलाफ वहां गिरफ्तारी वारंट जारी है तो फिर भी ड्यूरोव ने पेरिस जाने का खतरा क्यों उठाया?
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