पाली शाहाबाद सड़क निर्माण न होने से आवागमन ठप, ग्रामीण क्षेत्रों के अध्ययरत छात्र छात्राओं का भविष्य अधर मे लटका
अधिकांश क्षेत्रवासियों का तहसील मुख्यालय से सम्पर्क टूटा, कीचड़ में सनकर खेतों से आमजन निकलने को मजबूर
हरदोई (आरएनआई) गर्रा नदी में आयी भंयकर बाढ़ से जहां एक ओर आम जनमानस अलग थलग पड़ गया वहीं किसानों की फसलों के चले जाने से उनका लाखों का नुक़सान हुआ। बाढ़ से तहसील शाहाबाद क्षेत्र के सैकड़ों गांव प्रभावित हुए। प्रभावित गांवों में गुजीदेई,परेली, सुजनियापुर,कहारकोला, बरगदिया,सिंगुलापुर आदि गांव सम्मिलित हैं।बाढ़ की विकरालता इतनी भयावह थी कि इन गांवों के चारों तरफ समुद्र जैसा नजारा दिखाई दे रहा था।ऐसे में राहत बचाव कार्य की व्यवस्था देखने के लिए जिलाधिकारी मंगला प्रसाद स्वयं मैदान में उतरे उन्होंने स्टीमर के सहारे गांव के अन्दर जाकर लोगों का हालचाल लिया और राहत बचाव का कार्य युद्धस्तर पर संचालित कराया। जिलाधिकारी के साथ क्षेत्रीय विधायक व उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी भी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में सक्रिय रहीं। उन्होंने बाढ़ राहत पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी यह अलग बात है कि सरकारी बाढ़ राहत को उनके पंच प्यारों ने प्रधानी चुनाव की जमीन तैयार करने में मनमाने ढंग से प्रयोग कर ली। इस वजह से बहुत से जरूरतमंद लोग बाढ़ राहत से वंचित रह गए। भंयकर बाढ़ के कारण पाली शाहाबाद मार्ग पर एबी सिंह स्कूल के पास भंगेल नाला पर बनी पुलिया बह गयी जिसके कारण पाली शाहाबाद मार्ग पर आवागमन बंद हो गया। गत 14जुलाई को जिलाधिकारी अपने प्रशासनिक अमला के साथ परेली, गुजीदेई, गांव में भ्रमण कर बाढ़ का जायजा ले रहे थे उसी समय शाम में पुलिया बह जाने के कारण जिलाधिकारी को पाली वाया लोनार होकर जिला मुख्यालय आना पड़ा।
पाली शाहाबाद मार्ग बंद होने से पाली से लेकर ग्रामीण अंचलों के छात्र छात्राओं को शाहाबाद व आसपास के विद्यालयों में पहुंचना सम्भव नहीं हो पा रहा है। तमाम कान्वेंट स्कूलों की बसें आना बंद है ऐसे में मार्ग बन्द होने के कारण छात्र छात्राओं के भविष्य पर अच्छा खासा असर पड़ता दिखाई दे रहा है।पूरा जुलाई माह लगभग समाप्त होने को आया है बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।
किसी वीआईपी की विजिट पर रातोंरात सड़कें चमकाकर सब कुछ ठीक-ठाक दिखाने वाला लोक निर्माण विभाग सड़क मार्ग बंद होने के बाद भी कुम्भ कर्मी नींद से जागता दिखाई नही दे रहा है। सड़क निर्माण के लिए कुछ ह्यूम पाइप कुछ पत्थर डलवाकर लोगों को आशान्वित तो कर दिया लेकिन लगभग 10दिन गुजरने के बाद भी सड़क पर कोई कार्य प्रारंभ नहीं कराया जा सका है। पीडब्ल्यूडी विभाग की कार्यशैली देखकर तो ऐसा लगता है कि उन्हें छात्र छात्राओं के भविष्य व आमजन मानस की समस्या से कोई लेना देना नहीं है। शाहाबाद पहुंचने के लिए लोगों को परेली से गुजीदेई होकर बेझा से शाहाबाद दूसरी ओर दरियापुर बलभद्र से खनिगवा होते हुए आगमपुर से पाली रोड पर आना होता है ऐसे शाहाबाद पहुंचने में जहां 10किमी के बजाय करीब 30से 35किमी घूमकर आना पड़ रहा है। जिससे लोगों को समय के साथ साथ अधिक पैसा भी खर्च करना पड रहा है।
कटी सड़क पर आवागमन की समस्या का अस्थायी समाधान दिया जा सकता है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि कटी सड़क से नाले में ह्यूम पाइप डालकर खेतों मे मिट्टी व गिट्टी का भराव कराकर वैकल्पिक मार्ग बनाया जा सकता है। जिससे छोटे वाहन व स्कूली बच्चे निकल सकते हैं। जिससे आवागमन की समस्या का अस्थायी समाधान दिया जा सकता है लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर पता नहीं ऐसा क्यों नहीं सोच पा रहे हैं। जिससे तत्काल आमजन को राहत मिल पाये।
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