पालिका के आवास पर सेवानिवृत कर्मचारी का अवैध कब्जा? पालिका प्रशासन बेवस?
हाथरस- जहाॅ एक ओर योगी सरकार, सरकारी सम्पत्तियों को अवैध कब्जाधारियों से कब्जा मुक्त करा रही है। वही दूसरी ओर पालिका का सेवानिवृत्त कर्मचारी पालिका के सरकारी आवास पर कुंडली जमाये बैठा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पालिका का सेवानिवृत्त कर्मचारी रामशंकर, नगर पालिका परिषद, हाथरस में लेखा लिपिक के पद पर कार्यरत था। विगत जुलाई 2022 में उसकी सेवानिवृत्त होने के उपरान्त भी उक्त कर्मचारी द्वारा पालिका का सरकारी आवास अभी तक खाली नहीं किया गया है, रविवार को भी पालिका की टीम द्वारा उक्त सरकारी आवास को खाली कराने का प्रयास किया गया लेकिन बिफल रही। प्राप्त जानकारी के अनुसार रामशंकर, नगर पालिका परिषद, हाथरस में लेखा लिपिक के पद पर कार्यरत थे। सेवाकाल के दौरान पालिका द्वारा उनको घासमंडी स्थिति पालिका का सरकारी आवास आवंटित किया गया था। रामशंकर अपनी 60 वर्ष की अधिवर्षता आयु पूर्ण कर दिनांक 31.07.2022 को पालिका की सेवा से सेवानिवृत्त हो चुके है और वर्तमान में भी उक्त आवास उन्हीं के नाम आवंटित है, जबकि सेवानिवृत्त दिनांक से पूर्व सरकारी कर्मचारी से सभी सरकारी अभिलेख व सम्पत्ति (सरकारी भवन) उन से प्राप्त कर उन्हें अनापत्ति/अदेयता प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है। उक्त अनापत्ति के आधार पर ही सेवानिवृत्त कर्मचारी को पेंशन एवं उपादान पत्रावली का संचालन किया जाता है। लेकिन उक्त कर्मचारी द्वारा द्वारा बिना सरकारी आवास खाली कराये ही अपने पक्ष में तहबाजारी अनुभाग से अनापत्ति जारी करा ली गई। जब विधिक लोगों से उक्त सम्बन्ध में जानकारी ली गयी तो उनका कहना है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी सारे अदेय जमा करने के बाद नियमानुसार सेवानिवृत्त के तीन माह तक नगर पालिका के (एच0आर0ए0) आवास किराया भत्ता पूर्व में जमा कर तीन माह तक इस आवास में रह सकता है। इसके उपरान्त अगले तीन माह तक बाजार दर के आधार पर जिससे कि नगर पालिका तय करती है कि उस धनराशि को जमा कर रह सकता है तत्दपचात् 6 माह के उपरान्त विलम्ब शुल्क जो बाजार दर से दस गुना से भी अधिक मूल्य के प्रतिमाह के अनुसार देय होगा। क्योंकि उक्त कर्मचारी ने अभी तक न तो भुगतान किया है और न ही सरकारी आवास खाली किया है जो लगभग 20 लाख के आस-पास विलम्ब शुल्क होगा को भी नगर पालिका वसूल कर सकती है। जबकि उक्त कर्मचारी द्वारा पालिका को धोखा धड़ी एवं गुमराह किया गया है जिससे कि नगर पालिका उक्त की पेंशन को भी रोक कर राजस्व वसूल कर सकती है।
इस सम्बन्ध में हमारे संवादादाता द्वारा वर्तमान चेयरमैन श्वेता चैधरी से जानकारी ली गई, तो उनका कहना है कि इस सम्बन्ध में अनापत्ति जारी करने वाले लिपिक के विरूद्ध कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है और अतिशीध्र मामले में कानूनी कार्यवाही करते हुए सरकारी आवास को खाली कराया जायेगा और सभी दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध विधिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। वही सम्पत्ति निरीक्षक येशुराज शर्मा से जानकारी ली गई, तो उनका कहना है कि इस सम्बन्ध में सम्बन्धित सेवानिवृत्त कर्मचारी रामशंकर को दो बार सूचना दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक इनके द्वारा सरकारी आवास खाली नहीं किया गया है। वर्तमान में इन्हें नोटिस दिया जाएगा , यदि इनके द्वारा नोटिस के बाद सरकारी आवास को खाली नहीं किया जायेगा, तो कानूनी कार्यवाही करते हुए सरकारी आवास खाली कराया जायेगा। अब देखना यह होगा कि अखिर उक्त सरकारी आवास खाली होकर जो कर्मचारी इसमें दोषी है, उन पर कार्यवाही हो पायेगी या नहीं?
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