पानी पर सियासत, कांग्रेस की चेतावनी- रोज जलप्रदाय नहीं हुआ तो महापौर को नींद से जगाने बजाएंगे ढोल
उज्जैन में प्रतिदिन पानी सप्लाई की मांग पर कांग्रेस हमलावर है। उन्होंने मौजूदा भाजपा परिषद पर राजनीति करने का आरोप लगाया और सुनवाई नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
उज्जैन (आरएनआई) उज्जैन में पानी को लेकर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस हमलावर है। उसका कहना है कि एक तरफ डैम में इतना पानी है कि फालतू बहाना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ शहर के लोगों को प्रतिदिन पानी नहीं दिया जा रहा। इसे लेकर कांग्रेस ने चेतावनी भी जारी कर दी है।
उज्जैन शहर में भगवान महाकालेश्वर की कृपा से गंभीर डैम अपनी पूर्ण क्षमता से भरने के बाद ओवरफ्लो भी हुआ है। महापौर, निगम परिषद, विधायक सभी ने गंभीर डैम पहुंचकर भगवान श्री बिलकेश्वर महादेव का पूजन अर्चन किया और शहर को प्रतिदिन पानी देने की बात भी कही। सभी ने वहां मालवा का प्रसिद्ध और स्वादिष्ट भोजन भी प्राप्त किया। परंतु शहर में प्रतिदिन जल सप्लाई के लिए नगर के नागरिक इस भाजपा परिषद को 20 दिनों से देख रहे हैं कि वह कब प्रतिदिन पानी देना प्रारंभ करेंगे। इतना पानी आ गया गंभीर में कि गेट खोलकर बहाना पड़ रहा है, ऐसे में महापौर द्वारा समाचार पत्रों में बयान देना कि गर्मी में प्रतिदिन पानी देंगे नगर के नागरिकों को धोखा देने, शहरवासियों को परेशान करने के लिए षड्यंत्र रचने के अलावा कुछ नहीं।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश भाटी एवं नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि भाग्य से मुकेश टटवाल उज्जैन नगर के महापौर हैं और उनका यह कर्तव्य है कि नगर के नागरिकों को अपने निर्णय के माध्यम से सुलभ मूलभूत सुविधाएं प्रदान करें और अव्यवस्थाओं को व्यवस्था में बदलें। लेकिन यहां व्यवस्था होने के बावजूद आम नागरिकों को परेशान करने के तरीके महापौर द्वारा खोजे जा रहे हैं। अगर पीएचई के पंप खराब है तो उन्हें ठीक कराएं, अगर अधिकारी कर्मचारियों का स्टाफ काम नहीं करना चाहता है तो उन्हें हटाएं। उन पर दंडात्मक कार्रवाई करें। उन्हें इस दिशा की ओर निर्देशित ना करें कि हम गर्मी में पानी दे देंगे।
भाटी ने कहा कि शहर में प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु उज्जैन में बाबा महाकाल के, बाबा काल भैरव के और शहर के अन्य मंदिरों में दर्शन करने हेतु निरंतर आते हैं और यही श्रद्धालु नगर के नागरिकों के निवास घरों पर ही निवास करते हैं। साथ ही आगामी त्योहारों पर भी नगर के नागरिकों को पानी की आवश्यकता बड़ी मात्रा में होती है। इस स्थिति में नगर के सभी नागरिकों को हैंडपंप अथवा टैंकरों के माध्यम से पानी की व्यवस्था करना होगी। साथ ही पिछले मार्च माह से ही नागरिक पानी की व्यवस्था में उलझे हुए हैं परंतु पीएचई विभाग ने ना तो पर्याप्त मात्रा में टैंकर की व्यवस्था की, ना ही पर्याप्त मात्रा में हैंडपंप खनन, मोटरों का काम कर पाया। यहां तक की हैंडपंप सुधारने वाले लोग भी पीएचई के पास नहीं थे। एक दिन शिकायत करने पर 8 दिन तक हैंडपंप ठीक नहीं कर पाते। पीएचई विभाग पूर्ण रूप से अक्षम हो चुका है और इस विभाग पर किसी का नियंत्रण नहीं है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि गंभीर डैम के आसपास होने वाली सिंचाई को कोई भी प्रशासन का अधिकारी कभी पानी की चोरी को रोक नहीं पाया और दिसंबर, जनवरी, फरवरी में ही पानी डैम में कम होने लगता है। ऐसी स्थिति में अगर शहर के बोरिंग, हैंडपंप, कुंआ से प्रतिदिन पानी निकाला जाएगा तो वह भी अप्रैल में खत्म हो जाएगा। इससे अच्छा है कि गंभीर डैम से पानी नागरिक को प्रतिदिन जलप्रदाय हो ताकि शहर का वाटर लेवल कम ना हो। फिर उज्जैन में हमारे पास नर्मदा नदी के पानी आने की संभावना भी बनी है और सरकारों के दावे भी है कि हमने उज्जैन में नर्मदा नदी को ला दिया है आखिर वह दावे का परीक्षण भी हो जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि शहर में प्रतिदिन जलप्रदाय तत्काल प्रारंभ किया जाए। महापौर जो प्रतिवेदन अधिकारियों से मांग रहे हैं उसकी कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि अधिकारी तो प्रतिदिन सप्लाई के काम से बचना चाहते हैं क्योंकि कोई भी व्यक्ति को जब पता लग जाए कि उसे केवल आधा काम ही करना है या एक दिन छोड़कर जलप्रदाय करना है तो वह तो सारी रिपोर्ट यही बना कर देगा कि हां अब हम गर्मी में रोज सप्लाई कर सकेंगे। नगर के नागरिकों को प्रतिदिन जल की आवश्यकता है। इस बात को नगर निगम के पार्षद, महापौर, विधायक, सांसद, प्रभारी मंत्री, मुख्यमंत्री इन सब बातों को समझें और शहर के नागरिकों ने उन्हें इन पदो पर सुशोभित किया है उसका मान रखते हुए शहर की परेशान जनता पर यह उपकार करें कि शीघ्र ही प्रतिदिन उसे जल प्राप्त हो।
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