पाकिस्तानी सेना ने वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ इमरान खान के आरोपों को ‘निराधार’ बताया
पाकिस्तानी सेना ने अपने वरिष्ठ अधिकारी पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा लगाए आरोपों को ‘‘निराधार तथा गैरजिम्मेदाराना’’ बताया तथा सरकार से सरकारी प्रतिष्ठान को बदनाम करने वालों के खिलाफ जांच और कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।
इस्लामाबाद, 5 नवंबर 2022, (आरएनआई)। पाकिस्तानी सेना ने अपने वरिष्ठ अधिकारी पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा लगाए आरोपों को ‘‘निराधार तथा गैरजिम्मेदाराना’’ बताया तथा सरकार से सरकारी प्रतिष्ठान को बदनाम करने वालों के खिलाफ जांच और कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख खान ने आरोप लगाया है कि उनकी हत्या की साजिश में पाकिस्तानी सेना का एक वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल है।
उन्होंने शुक्रवार को दावा किया था कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्ला और मेजर जनरल फैसल नसीर ने उनकी हत्या की साजिश रची और वे 2011 में हुई पंजाब के पूर्व गवर्नर सलमान तासीर की हत्या की तरह ही धार्मिक उन्मादियों के हाथों उनकी हत्या कराना चाहते थे।
पंजाब के वजीराबाद जिले में ‘हकीकी आजादी मार्च’ के दौरान 70 वर्षीय खान के कंटेनर पर दो बंदूकधारी हमलावरों द्वारा की गई गोलीबारी में उनके दाहिने पैर में गोली लग गई थी।
खान के इस आरोप के बाद सेना ने देर रात एक बयान जारी किया।
सेना ने कहा, ‘‘सेना तथा खासतौर से सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ पीटीआई के अध्यक्ष के निराधार और गैर जिम्मेदाराना बयान पूरी तरह अस्वीकार्य तथा अनुचित हैं।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘संस्थान/अधिकारियों पर लगाए निराधार आरोप बहुत ज्यादा खेदजनक हैं और इनकी कड़ी निंदा की जाती है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘किसी को भी संस्थान या इसके कर्मियों की बदनामी नहीं करने दी जाएगी। इसे ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान सरकार से प्रतिष्ठान तथा इसके अधिकारियों के खिलाफ बिना किसी सबूत के झूठे आरोप लगाने तथा उसे बदनाम करने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया जाता है।’’
इससे पहले, खान ने हमले में कथित तौर पर शामिल तीन लोगों के नाम दोहराए। उन्होंने अपने समर्थकों से इन तीनों के इस्तीफा देने तक देशभर में प्रदर्शन जारी रखने का अनुरोध किया।
खान ने यह भी ऐलान किया कि वह स्वस्थ होने के तुरंत बाद सरकार के खिलाफ प्रदर्शन मार्च फिर से शुरू करेंगे।
इस बीच, उन्होंने यह भी दावा किया कि प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है क्योंकि कुछ लोग कुछ नामों से डरे हुए हैं।
‘डॉन’ अखबार ने कहा कि पीटीआई प्रमुख द्वारा शिकायत से एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी का नाम वापस लेने से इनकार किए जाने के बाद प्राथमिकी दर्ज करने पर गतिरोध बना हुआ है। इस शिकायत में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के नाम भी शामिल हैं।
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