पाकिस्तान में बंधक ट्रेन यात्री छुड़ाए गए, सभी 33 बलोच लड़ाके ढेर; सेना बोली- ऑपरेशन खत्म
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ट्रेन पर हमले के बाद बंधक बनाए गए यात्रियों को छुड़ा लिया गया है। सेना के मुताबिक सभी 33 बलोच लड़ाके ढेर हो गए हैं। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि ऑपरेशन खत्म हो चुका है। सेना के मुताबिक सुरक्षाबलों की कार्रवाई के दौरान 21 यात्री और 4 सैनिक मारे गए। बता दें कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के हमले के बाद 200 से अधिक यात्रियों को बंधक बनाया गया था।

इस्लामाबाद (आरएनआई) पाकिस्तान की सेना ने अशांत बलूचिस्तान प्रांत में बंधक बनाए गए ट्रेन यात्रियों को छुड़ा लेने का दावा किया है। सेना ने कहा कि बलोच विद्रोहियों ने बंधक बनाए गए 21 याित्रयों और चार सैनिकों की हत्या कर दी। इससे पहले, सुरक्षा बलों ने 190 यात्रियों को छुड़ाए जाने की बात कही थी। वहीं, ट्रेन को अगवा करने वाले संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने 50 बंधकों की हत्या करने का दावा किया था।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने बुधवार देर शाम बताया कि घटनास्थल पर मौजूद सभी 33 विद्रोहियों को मारकर और यात्रियों को सुरक्षित बचाकर ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को विद्रोहियों ने जब जफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला किया था, तब 21 यात्रियों की हत्या कर दी थी। हमले में अर्धसैनिक फ्रंटियर कोर के चार सैनिक भी मारे गए। पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी ने कहा था कि हमले में 70-80 विद्रोही शामिल थे।
हमले में बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने की आशंका जताई गई थी, क्योंकि पाकिस्तान सरकार ने 200 से अधिक ताबूत क्वेटा भेजे थे। जफर एक्सप्रेस को बीएलए के लड़ाकों ने एक सुरंग में बंधक बना लिया था। ट्रेन में 500 यात्री सवार थे। बीएलए ने 214 यात्रियों को बंधक बनाने का दावा करते हुए सैन्य कार्रवाई पर बंधकों की हत्या की धमकी दी थी। बीएलए ने बंधकों के बीच आत्मघाती दस्ते के लड़ाकों को बिठा दिया था, जिन्होंने सुसाइड जैकेट पहन रखी थी। इससे सुरक्षा बलों को अभियान में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन को अगवा करने वाले कुछ लड़ाकों के पास सैटेलाइट फोन भी थे, जिसके जरिये वे अपने हैंडलरों से संपर्क में थे। वहीं, ट्रेन में सवार यात्रियों के परिजनों को सूचना देने के लिए पाकिस्तान रेलवे ने पेशावर और क्वेटा में आपातकालीन डेस्क भी बनाए।
एक जोरदार धमाका हुआ और गोलियों की बौछार के बीच अचानक ट्रेन रुक गई। हमें कुछ समझ नहीं आया। फिर कुछ बंदूकधारी ट्रेन में घुसे और यात्रियों को बाहर निकलने का आदेश दिया। हर तरफ दहशत का मंजर था। हम अपनी जिंदगी की भीख मांग रहे थे। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मंगलवार को जफर एक्सप्रेस पर हुए हमले में जीवित बचे लोगों ने कुछ इस तरह आपबीती बयां की। एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार, हमले में बचे एक यात्री नूर मुहम्मद ने कहा, विस्फोट के बाद, हमें पता ही नहीं चला कि क्या हो रहा है। हथियारबंद लोगों ने ट्रेन में यात्रियों के पहचान पत्र की जांच की। हमें जैसे-तैसे जान बचाने के लिए भागना पड़ा। एक महिला यात्री ने बताया, हमले के बाद हमें दो घंटे तक पैदल चलना पड़ा। यात्री मुहम्मद अशरफ ने कहा, ऐसा लगा जैसे दुनिया खत्म हो गई है। हर जगह दहशत थी। हमारी आंखों के सामने 100 से अधिक हमलावर थे। धमाके और गोलियों की आवाज सुनकर यात्री ट्रेन के फर्श पर लेट गए।
इससे पहले बीएलए ने धमकी दी थी कि बलोच राजनीतिक कैदियों को 48 घंटे में रिहा नहीं किया जाता, तो वे बंधकों को मारना शुरू कर देंगे। ट्रेन में सवार बीएलए के लड़ाकों ने टेलीग्राम पर संदेश में कहा, मातृभूमि के लिए अपना खून बहा रहे हैं। संदेश में बलूचिस्तान के लोगों से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का आग्रह किया गया।
क्वेटा से पेशावर के लिए मंगलवार सुबह रवाना हुई जफर एक्सप्रेस को बीएलए ने दोपहर 1:30 बजे सिब्बी रेलवे स्टेशन से पहले कब्जे में ले लिया था। लड़कों ने बोलान में माशफाक सुरंग के पास पटरी उड़ा दी थी।
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