पाकिस्तान में गहराया जल संकट, जल प्राधिकरण ने किसानों को दी चेतावनी- 35 फीसदी तक हो सकती है कमी
पाकिस्तान में अभी गेहूं की फसल की बुवाई चल रही है, ऐसे में पानी की कमी का व्यापक असर पड़ सकता है। हालांकि बीते दिनों हुई बारिश से किसानों को थोड़ी राहत मिली है। पाकिस्तान की जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी 24 फीसदी है।

इस्लामाबाद (आरएनआई) पाकिस्तान इन दिनों पानी की कमी से जूझ रहा है। अब पाकिस्तान के जल प्राधिकरण ने देश के किसानों से अपील की है कि इस साल 35 प्रतिशत तक पानी कम उपलब्ध रहेगा, ऐसे में वे हालात के लिए तैयार रहें। दरअसल पाकिस्तान के दो प्रमुख जलाश्यों में पानी की भारी कमी है। पाकिस्तान के जल प्राधिकरण की यह चेतावनी ऐसे समय आई है, जब पाकिस्तान में गेंहू की फसल का मौसम चरम पर है, लेकिन इस फसल के लिए ज्यादा पानी की जरूरत है।
इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी (Irsa) ने शुक्रवार को पंजाब और सिंध के किसानों को 35 फीसदी पानी की कमी के लिए तैयार रहने को कहा है। पाकिस्तान के तरबेला और मंगला बांधों में तेजी से पानी तय मानकों से कम हो रहा है। प्राधिकरण ने सिंचाई सचिवों को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, तरबेला बांध में पानी का स्तर 1409 फीट है, जो तय न्यूनतम मानकों से सिर्फ नौ फीट ज्यादा है। तरबेला बांध में 17 हजार क्यूसेक पानी आता है, वहीं बांध से 20 हजार क्यूसेक पानी निकाला जाता है।
इसी तरह से मंगला बांध में अपने न्यूनतम जल स्तर से महज 28 फीट ज्यादा ही पानी मौजूद है। मंगला बांध में हर रोज 16,400 क्यूसेक पानी आता है और बांध से रोजाना 18 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है। यही वजह है कि दोनों जलाश्यों में तेजी से पानी कम हो रहा है। इसरा ने आशंका जताई है कि कुछ ही दिनों में दोनों जलाश्यों में पानी अपने न्यूनतम स्तर को छू सकता है। पाकिस्तान में अभी गेहूं की फसल की बुवाई चल रही है, ऐसे में पानी की कमी का व्यापक असर पड़ सकता है। हालांकि बीते दिनों हुई बारिश से किसानों को थोड़ी राहत मिली है। पाकिस्तान की जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी 24 फीसदी है। साथ ही पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा आय का सबसे बड़ा स्त्रोत भी खेती ही है।
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