पाकिस्तान में 29 मिनट में दो बार आया भूकंप, 5.5 और 5.8 रही तीव्रता
पाकिस्तान में आए भूकंप से पहले नेपाल में 4 अप्रैल और ताइवान में 9 अप्रैल को भूकंप के झटके लगे थे। इसका असर उत्तर भारत में भी महसूस हुआ था। पहला झटका 5.2 और दूसरा 5.5 तीव्रता का बताया गया। इससे पहले म्यांमार मं 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने जमकर तबाही मचाई थी।

इस्लामाबाद (आरएनआई) पाकिस्तान में शनिवार को आधे घंटे के अंतराल में भूकंप के दो तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.5 और 5.8 मापी गई। पहला झटका दोपहर 12.31 बजे और दूसरा झटका एक बजे महसूस किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, दोपहर एक बजे आए भूकंप का केंद्र जमीन से करीब 10 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप का असर भारत में जम्मू-कश्मीर समेत कुछ अन्य हिस्सों तक महसूस किया गया। हालांकि, अब तक भूकंप की वजह से किसी भी तरह के नुकसान की कोई जानकारी नहीं है।
राष्ट्रीय भूकंप निगरानी केंद्र (एनएसएमसी) के हवाले से बताया कि पहला झटका 12.31 मिनट पर आया। भूकंप का केंद्र रावलपिंडी से 60 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में जमीन की सतह से 12 किलोमीटर की गहराई में था। इसकी तीव्रता 5.5 बताई गई।
भूकंप के झटके पंजाब के अटक, चकवाल और मियांवाली जिलों और आस-पास के इलाकों में महसूस किए गए। इसके अलावा पेशावर, मर्दन, मोहमंद और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के शबकदर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। पाकिस्तान में अक्सर अलग-अलग तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं। सबसे घातक भूकंप 2005 में आया था, जिसमें 74,000 से अधिक लोग मारे गए थे।
इससे पहले 9 अप्रैल को ताइवान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। केंद्रीय मौसम विभाग ने भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी गई थी। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के मुताबिक, 5.0 तीव्रता का भूकंप यिलान के दक्षिण-दक्षिणपूर्व में पूर्वोत्तर तट पर लगभग 21 किलोमीटर (12 मील) की दूरी पर आया। इसका केंद्र जमीन की सतह से 69 किलोमीटर (43 मील) गहराई में था।
इससे पहले थाईलैंड और म्यांमार में 28 मार्च को आए विनाशकारी भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी। त्रासदी में अब तक करीब 4000 लोगों की जान जा चुकी है। 7.7 तीव्रता के भूकंप ने देश के बड़े हिस्से को प्रभावित किया था। इससे छह राज्यों को काफी नुकसान पहुंचा था। भूकंप के कारण कई इलाकों में बिजली, टेलीफोन या सेल कनेक्शन ध्वस्त हो गए थे। सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए थे।
भूकंप के दौरान जितना संभव हो उतना सुरक्षित रहें। इस बात के प्रति सतर्क रहें कि कौन-से भूकंप वास्तव में इसकी पूर्व-चेतावनी देने वाले भूकंप के झटके होते हैं और बाद में बड़ा भूकंप भी आ सकता है। धीरे-धीरे कुछ कदमों तक सीमित हलचल करें जिससे पास में किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें और भूकंप के झटकों के रुकने पर घर में तब तक रहें जब तक कि आपको यह सुनिश्चित हो जाएं कि बाहर निकलना सुरक्षित है।
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