पाकिस्तान ने अमेरिका को बेचे हथियार
रिपोर्ट में अपने दावे के पक्ष में पाकिस्तानी और अमेरिकी सरकार के दस्तावेजों का हवाला दिया गया है। हालांकि पाकिस्तानी सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है।
इस्लामाबाद। (आरएनआई) यूक्रेन को सप्लाई करने के लिए पाकिस्तान ने एक खुफिया सौदे के तहत अमेरिका को हथियार बेचे। इसके बदले में आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान को आईएमएफ ने बेलआउट पैकेज दिया है। रिपोर्ट में अपने दावे के पक्ष में पाकिस्तानी और अमेरिकी सरकार के दस्तावेजों का हवाला दिया गया है। हालांकि पाकिस्तानी सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है।
ऑनलाइन खोजी वेबसाइट द इंटरसेप्ट ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यूक्रेनी सेना के इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान और अमेरिका के बीच यह सौदा हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, इस सौदे के लिए कथित तौर पर अमेरिका ने पाकिस्तान पर दबाव बनाया। बता दें कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को आईएमएफ से तीन अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ से इस बेलआउट पैकेज को पाने के लिए ही अमेरिकी दबाव में पाकिस्तान ने यह सौदा किया। हालांकि पाकिस्तान के विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच ने रिपोर्ट में किए गए दावों को खारिज कर दिया। जाहरा बलोच ने आरोपों को आधारहीन और मनगढ़ंत बताया।
रूस-यूक्रेन युद्ध में पाकिस्तान की नीति सख्त तौर पर निष्पक्ष रहने की है और किसी भी देश को हथियार या गोला बारूद मुहैया नहीं कराए हैं। पाकिस्तान के हथियार निर्यात के लिए सख्त नियम हैं। गौरतलब है कि जुलाई में यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने पाकिस्तान का दौरा किया था। उस दौरान कुलेबा ने पाकिस्तान द्वारा यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने की खबरों को खारिज कर दिया था। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी इन आरोपों को खारिज किया था।
ऐसी भी रिपोर्ट्स आईं थी कि पाकिस्तान ने वारसा में हथियारों की बिक्री के लिए एक फर्म भी स्थापित की थी। वहीं अप्रैल में बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में यूक्रेन के एक शीर्ष कमांडर ने बताया था कि उन्हें पाकिस्तान समेत कई देशों से हथियार मिले हैं लेकिन यूक्रेन की सरकार ने इससे इनकार कर दिया था। बीते साल 24 फरवरी को रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ था। उसके बाद से ही पाकिस्तान रूस-अमेरिका के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि ताजा रिपोर्ट की मानें तो साफ लग रहा है कि पाकिस्तान अमेरिकी दबाव के आगे झुक गया है।
What's Your Reaction?