पहाड़ से लेकर मैदानों तक वायु गुणवत्ता बेहद गंभीर; पछुआ हवाओं में तेजी से मिलेगी प्रदूषण से निजात
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर, अटलांटिक महासागर और कैस्पियन सागर से नमी लाकर भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी इलाकों में बारिश और बर्फबारी की वजह बनते हैं। सर्दियों के दौरान हर महीने औसतन छह से सात मजबूत पश्चिमी विक्षोभ भारतीय उपमहाद्वीप से गुजरते हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) हिमाचल प्रदेश, पंजाब व हरियाणा से लेकर बिहार तक देश के विभिन्न हिस्सों में बुधवार को वायु गुणवत्ता बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। दमघोंटू माहौल के कारण लोगों को गले में खराश और आंखों में जलन काफी परेशानी हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण पछुआ हवाओं में तेजी के बाद दमघोंटू प्रदूषण से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर, अटलांटिक महासागर और कैस्पियन सागर से नमी लाकर भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी इलाकों में बारिश और बर्फबारी की वजह बनते हैं। सर्दियों के दौरान हर महीने औसतन छह से सात मजबूत पश्चिमी विक्षोभ भारतीय उपमहाद्वीप से गुजरते हैं। ये रबी की फसलों खासकर गेहूं के लिए बहुत अहम होते हैं। 14 नवंबर से सक्रिय होने वाला मौजूदा सर्दियों के मौसम का पहला पश्चिमी विक्षोभ है। यह मेडिटेरियन सागर से भारत की ओर आ रहा है।
दिल्ली-एनसीआर समेत पूरा उत्तर भारत बुधवार को घने कोहरे में घिरा रहा। हिमाचल प्रदेश से लेकर राजस्थान तक वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रही। दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे के कारण दृश्यता शून्य तक पहुंच गई। करीब 10 उड़ानों के मार्ग बदलने पड़े और 50 से अधिक ट्रेनें देरी से चलीं। 17 नवंबर तक पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर सुबह व शाम घना कोहरा छाए रहने की आशंका है। हवाओं की धीमी गति के कारण दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इस मौसम में पहली बार बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच गया।
हिमालयी क्षेत्र में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पछुआ हवा चलने लगी है। इससे पंजाब-हरियाणा के ऊपर जमा प्रदूषण दिल्ली की तरफ रुख कर गया। अब बृहस्पतिवार से मौसम में बदलाव के आसार हैं, जिससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, चंडीगढ़, उत्तराखंड व इससे सटे इलाकों में बारिश और ऊंचे हिस्सों में बर्फबारी हो सकती है।
दिल्ली हवाईअड्डे पर कम दृश्यता के कारण नौ उड़ानों को जयपुर और एक को लखनऊ डायवर्ट करना पड़ा। कई उड़ानों में देरी हुई। मौसम विशेषज्ञों का कहना है, शुक्रवार से हवा की रफ्तार तेज होने से प्रदूषण से राहत मिलेगी और उत्तर भारत में तापमान में धीरे-धीरे गिरावट शुरू होगी।
इस मौसम में बुधवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पहली बार 418 दर्ज किया गया। लोगों को दमघोंटू हवाओं में सांस लेनी पड़ रही है। कोहरे के साथ प्रदूषकों के मिलने से दिनभर स्मॉग की मोटी चादर छाई रही। दिल्ली के बाद सबसे प्रदूषित बिहार के हाजीपुर 417 और सहरसा 379 रहे। वहीं, चंडीगढ़ में एक्यूआई 372, पानीपत में 370, गाजियाबाद में 350, ग्रेटर नोएडा 364, नोएडा में 359 दर्ज किया गया।
देश के विभिन्न हिस्सों में वायु गुणवत्ता बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है, पर पाबंदी के बावजूद पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में कोई कमी नहीं आई। बुधवार को पराली जलाने के 509 नए मामले आए। अब तक पराली जलाने की कुल घटनाएं 7,621 हो गई हैं।
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