पहले चरण में कम मतदान के बाद माइक्रो मैनेजमेंट में जुटी भाजपा
पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि केंद्रीय मुद्दे के अभाव, प्रचंड गर्मी और कुछ दूसरे कारणों से समाज के सभी वर्गों के मतदान में कमी आई है। पार्टी के वरिष्ठ चुनावी रणनीतिकार के मुताबिक प्रथम चरण के बाद शीर्ष स्तर पर बूथ प्रबंधन को लेकर नए सिरे से माथापच्ची हुई है।
नई दिल्ली (आरएनआई) पहले चरण के लोकसभा चुनाव में हिंदी पट्टी के राज्यों में कम मतदान से सतर्क भाजपा ने अब मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तर्ज पर बूथ स्तर पर माइक्रो मैनेजमेंट में सारी ताकत झोंकने का फैसला किया है। पार्टी नेतृत्व ने राज्य इकाइयों से कहा है कि समर्थक मतदाताओं काे हर हाल में बूथ तक पहुंचना सुनिश्चित करें।
पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि केंद्रीय मुद्दे के अभाव, प्रचंड गर्मी और कुछ दूसरे कारणों से समाज के सभी वर्गों के मतदान में कमी आई है। प्रथम चरण के बाद शीर्ष स्तर पर बूथ प्रबंधन को लेकर नए सिरे से माथापच्ची हुई है। राज्य इकाइयों को लगातार समीक्षा करने और मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, बीते साल मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भी कोई केंद्रीय मुद्दा नहीं था। ऐसे में पार्टी ने बूथ स्तर पर माइक्रो मैनेजमेंट के जरिए समर्थक मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने में सफलता हासिल की थी। इसी कारण दोनों राज्यों में हमें बड़ी सफलता हाथ लगी थी।
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