पहली बार सुरंग के अंदर किया गया इस सिस्टम का प्रयोग, पूरी तरह रहा सफल
अंडरवाटर कम्यूनिकेशन सिस्टम से पहली बार मुख्यमंत्री धामी ने श्रमिकों से बातचीत कर उन्हें जल्द ही बाहर निकालने का आश्वासन दिया। एसडीआरएफ इस सिस्टम को पानी के अंदर रेस्क्यू के लिए काफी पहले से ही इस्तेमाल कर रही है। लेकिन जमीन पर सुरंग के अंदर इस सिस्टम का प्रयोग कुछ बदलाव के बाद पहली बार किया गया है।
देहरादून, (आरएनआई) आमतौर पर पानी के अंदर इस्तेमाल किए जाने वाले अंडरवाटर कम्यूनिकेशन सिस्टम को पहली बार एसडीआरएफ ने सिल्क्यारा सुरंग में फंसे हुए श्रमकों से बातचीत करने के लिए प्रयोग किया। जिसके माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रमिकों की कुशलक्षेम पूछी।
एसडीआरएफ अंडरवाटर कम्यूनिकेशन सिस्टम का नदी, तालाबों आदि के अंदर रेस्क्यू में इस्तेमाल करती है। यह कम्यूनिकेशन सिस्टम इतना मजबूत होता है कि जब रेस्क्यू टीम पानी के अंदर गहराई में किसी भी रेस्क्यू को अंजाम देती हैं तो इसमें लो क्वालिटी की आवाज को भी साफ सुना जा सकता है।
एसडीआरएफ ने इस सिस्टम को कुछ इम्प्रूव कर सुरंग में फंसे श्रमिकों तक भेजा। अंडरवाटर कम्यूनिकेशन सिस्टम से पहली बार मुख्यमंत्री धामी ने श्रमिकों से बातचीत कर उन्हें जल्द ही बाहर निकालने का आश्वासन दिया।
एसडीआरएफ इस सिस्टम को पानी के अंदर रेस्क्यू के लिए काफी पहले से ही इस्तेमाल कर रही है। लेकिन जमीन पर सुरंग के अंदर इस सिस्टम का प्रयोग कुछ बदलाव के बाद पहली बार किया गया है। जो प्रयोग पूरी तरफ सफल रहा है। 12 नवंबर को जब सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन से 41 मजदूर उसमें फंसे तो सबसे पहले जौलीग्रांट मुख्यालय से एसडीआरएफ की चार टीमों को मौके पर भेजा गया था। रेस्क्यू के सफल होने के बाद ही टीम वापस होगी।
अंडरवाटर कम्यूनिकेशन सिस्टम से फुल बैटरी चार्ज होने पर दो से तीन घंटे तक आराम से साफ बातचीत की जा सकती है। यह सिस्टम 50 मीटर, 90 मीटर, 150 मीटर लंबी वायर से एक-दूसरे से कनेक्ट रहता है। एसडीआरएफ के अंडरवाटर कम्यूनिकेशन सिस्टम से मुख्यमंत्री ने सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों से बातचीत की है।
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