'पवार परिवार में मतभेदों का असर रिश्तों पर नहीं', शरद-अजित के पुनर्मिलन की अटकलों के बीच सुप्रिया
शरद पवार और एनसीपी प्रमुख अजित पवार के बीच पिछले दो सप्ताह में तीन मुलाकातें हुई हैं। दोनों की मुलाकातों के बाद उनके राजनीतिक पुनर्मिलन की अटकलें शुरू हो गई हैं। इस पर एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि पवार परिवार कभी अलग नहीं हुआ। हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हमने कभी भी इसका असर अपने निजी संबंधों पर नहीं पड़ने दिया।

पुणे (आरएनआई) शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच राजनीतिक पुनर्मिलन की अटकलों के बीच, एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले ने सोमवार को कहा कि पवार परिवार में राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इनका असर निजी रिश्तों पर कभी नहीं पड़ा।
शरद पवार और एनसीपी प्रमुख अजित पवार के बीच पिछले दो सप्ताह में तीन मुलाकातें हुई हैं। सोमवार को दोनों ने पुणे में कृषि और चीनी उद्योग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस्तेमाल पर चर्चा की। दोनों की मुलाकातों ने जुलाई 2023 में हुए एनसीपी के विभाजन के बाद उनके राजनीतिक पुनर्मिलन की अटकलों को हवा दे दी है।
सुप्रिया सुले से पूछा गया कि क्या दोनों गुट फिर से एक हो सकते हैं। इस पर सुले ने जवाब दिया, 'पवार परिवार कभी अलग नहीं हुआ। सभी भाई-बहनों को हमारे दादा-दादी द्वारा सिखाए गए मूल्यों के साथ पाला गया है। हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हमने कभी भी इसका असर अपने निजी संबंधों पर नहीं पड़ने दिया।'
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने हाल ही में शरद पवार के बारे में बोलते समय नरम लहजा अपनाया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुले ने कहा कि अगर दादा नरम हो गए हैं, तो सभी ने इसका स्वागत किया है। लेकिन सिर्फ इसलिए कि वे नरम हो रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि कोई बड़ा बदलाव हो रहा है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या एनसीपी के दोनों गुटों के विलय के लिए कोई औपचारिक प्रस्ताव है। इस पर सुले ने कहा, 'मुझे अभी तक ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।' बारामती लोकसभा सांसद सुले से जब यह पूछा गया कि क्या दोनों गुटों का एक साथ आना उन्हें स्वीकार्य होगा, तो उन्होंने जोर देकर कहा कि शरद पवार और अजित पवार जो भी निर्णय लेंगे, उसे स्वीकार किया जाएगा।
जुलाई 2023 में अजित पवार ने एनसीपी में विभाजन की साजिश रची और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली तत्कालीन महायुति सरकार में शामिल हो गए। एनसीपी के कई विधायक भी अजित पवार के गुट में शामिल हो गए। इसके बाद शरद और अजित पवार के बीच संबंध खराब हो गए। 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में, अजित के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 57 सीटों में से 41 सीटें जीतीं, जबकि एनसीपी (एसपी) की संख्या 10 रही।
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