'पवन कल्याण ने जनसेना को 'आंध्र सांप्रदायिक पार्टी' बना दिया', वाईएस शर्मिला का बड़ा आरोप
आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस शर्मिला और कांग्रेस नेताओं ने डिप्टी सीएम पवन कल्याण पर आरोप लगाया कि उन्होंने जनसेना को जनसेवा से हटाकर धार्मिक और सांप्रदायिक राजनीति की ओर मोड़ दिया है। उन्होंने पवन कल्याण से बीजेपी के प्रभाव से बाहर आने और वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की।

अमरावती (आरएनआई) आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने रविवार को जनसेना प्रमुख पवन कल्याण पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी को 'आंध्र सांप्रदायिक पार्टी' में बदल दिया है। शर्मिला ने आगे कहा कि 'जो पार्टी जनसेवा के नाम पर बनाई गई थी, वह अब सिर्फ एक धर्म विशेष के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है।'
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस शर्मिला का यह बयान राज्य के डिप्टी सीएम और जनसेना प्रमुख पवन कल्याण के हाल ही में दिए गए जनसेना स्थापना दिवस पर भाषण के बाद आया है, जिसमें उन्होंने 'छद्म धर्मनिरपेक्षता', भाषा विवाद, उत्तर-दक्षिण विभाजन और केंद्र-राज्य संबंधों जैसे मुद्दों पर चर्चा की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि 'आंध्र प्रदेश में जहां कई धर्मों के लोग सद्भाव से रहते हैं, वहां जनसेना अब विभाजनकारी राजनीति कर रही है।'
वाईएस शर्मिला ने कहा कि पवन कल्याण अब भाजपा के कथित 'सांप्रदायिक एजेंडे' को अपना चुके हैं और उन्होंने क्रांतिकारी नेताओं चे ग्वेरा और गद्दर के सिद्धांतों को त्याग दिया है। उन्होंने पवन कल्याण को संबोधित करते हुए कहा, 'उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण, कम से कम अब तो जागो और भाजपा के प्रभाव से बाहर निकलो।'
एपीसीसी उपाध्यक्ष कोलानुकोंडा शिवाजी ने भी पवन कल्याण की आलोचना करते हुए कहा कि 'अगर पवन कल्याण को दक्षिण भारत की चिंता होती, तो वे रोजगार, महिला सशक्तिकरण और औद्योगिक विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करते।'
उन्होंने पूछा, 'पवन कल्याण को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम और अन्य राष्ट्रीय मंचों पर सिर्फ उत्तर भारतीय नेताओं की मूर्तियां और नाम दिखते हैं, लेकिन क्या उन्होंने कभी तेलुगु महापुरुषों – गिडुगु राममूर्ति, गुर्रम जोशुआ और प्रकाशम पंतुलु – को वहां स्थापित करने की मांग की?' शिवाजी ने यह भी मांग की कि दक्षिण भारतीय भाषाओं को हिंदी भाषी राज्यों में दूसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि 'केंद्र सरकार उत्तर-दक्षिण राज्यों के बीच दरार बढ़ाने के लिए परिसीमन प्रक्रिया का इस्तेमाल कर रही है, और पवन कल्याण इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।
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