परीक्षा में पहले दिन तीन नकलची पकड़े गए
विभिन्न मांगों को लेकर पहले ही परीक्षा बहिष्कार की चेतावनी दे चुके गुआक्टा ने परीक्षा का बहिष्कार किया। गुआक्टा के अध्यक्ष प्रो. केडी तिवारी और महामंत्री प्रो. धीरेन्द्र सिंह ने दावा किया कि सभी 21 एडेड कॉलेजों में शिक्षकों ने परीक्षा में सहयोग नहीं किया। बाबुओं और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने इन कॉलेजों में परीक्षा संपन्न कराई।
गोरखपुर, (आरएनआई) दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं संबद्ध कॉलेजों में सोमवार से विषम सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू हो गई। परीक्षा के पहले दिन तीन सचल दस्ते ने तीन छात्रों को नकल करते पकड़ा। उनके खिलाफ यूएफएम के तहत कार्रवाई की गई। वहीं कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने भी पांच केंद्रों का निरीक्षण का परीक्षा व्यवस्था का हाल जाना। पहले दिन परीक्षा गोरखपुर विश्वविद्यालय समेत कुल 111 केन्द्रों पर हुई जिसमें 12,386 विद्यार्थी शामिल हुए।
सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए पहले दिन कुल 12,746 विद्यार्थी पंजीकृत थे। इनमें 360 ने परीक्षा छोड़ दी। कुलपति ने इस्लामिया कॉलेज ऑफ कॉमर्स, मारवाड़ बिजनेस स्कूल, डीएवी पीजी कॉलेज, सेंट जोसेफ महिला कॉलेज, सेंट एंड्रयूज कॉलेज और विश्वविद्यालय स्थित कला संकाय भवन एवं आईटीसी सेल का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान मारवाड़ बिजनेस स्कूल का मॉनिटरिंग स्क्रीन बंद पाया गया। कुछ तकनीकी कारणों से स्क्रीन काम नहीं कर रहा था, जबकि आईटीसी सेल में स्थापित कंट्रोल रूम से जानकारी लेने पर पता चला कि कॉलेज के सभी सीसीटीवी कैमरे कार्य कर रहे हैं। कुलपति ने अंत में कंट्रोल रूम से जुड़े सभी 111 परीक्षा केंद्रों के सीसीटीवी कैमरों का निरीक्षण किया।
विभिन्न मांगों को लेकर पहले ही परीक्षा बहिष्कार की चेतावनी दे चुके गुआक्टा ने परीक्षा का बहिष्कार किया। गुआक्टा के अध्यक्ष प्रो. केडी तिवारी और महामंत्री प्रो. धीरेन्द्र सिंह ने दावा किया कि सभी 21 एडेड कॉलेजों में शिक्षकों ने परीक्षा में सहयोग नहीं किया। बाबुओं और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने इन कॉलेजों में परीक्षा संपन्न कराई। दावा किया कि पांच कॉलेजों के केन्द्राध्यक्षों ने डीडीयू प्रशासन को लिखकर दे दिया है कि शिक्षकों के सहयोग के बिना परीक्षा कराने में कठिनाई आ रही है। कहा कि मांगें नहीं मानी तो प्रशासनिक भवन पहुंचकर तालाबंदी की जाएगी।
शासन के आदेश और गुआक्टा की बगावत को देखते हुए डीडीयू प्रशासन ने शीतावकाश को बढ़ाकर 5 जनवरी तक कर दिया है। पहले 26 से 31 दिसंबर तक ही अवकाश घोषित था। हालांकि गुआक्टा ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इस आदेश में परीक्षा संपन्न कराने वाले शिक्षकों को प्रतिकर अवकाश देने की बात नहीं कही गई है। इसलिए नए आदेश का कोई मतलब नहीं है।
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