'परिसीमन संघवाद पर बड़ा हमला, नहीं होने देंगे अन्याय'; सात राज्यों को स्टालिन ने लिखा पत्र
स्टालिन ने सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर केंद्र सरकार की प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया पर चिंता व्यक्त की। कहा, परिसीमन के बाद तमिलनाडु जैसे उन राज्यों का प्रभाव घट सकता है, जिन्होंने अपनी जनसंख्या को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया है।

चेन्नई (आरएनआई) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि परिसीमन संघवाद पर जबरदस्त हमला है। यह संसद में हमारी आवाज को छीनकर जनसंख्या नियंत्रण सुनिश्चित करने वाले राज्यों को दंडित करने के बराबर है। हम इस अन्याय को नहीं होने देंगे।
स्टालिन ने शुक्रवार को सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर केंद्र सरकार की प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया पर चिंता व्यक्त की। कहा, परिसीमन के बाद तमिलनाडु जैसे उन राज्यों का प्रभाव घट सकता है, जिन्होंने अपनी जनसंख्या को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया है। स्टालिन ने पत्र में केरल, तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के साथ-साथ ओडिशा, बंगाल व पंजाब के मुख्यमंत्रियों से आगामी परिसीमन अभ्यास के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) में शामिल होने का आग्रह किया। इस मुद्दे को लेकर हाल ही में स्टालिन ने तमिलनाडु में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। राजनीतिक दलों ने सर्वसम्मति से प्रस्तावित परिसीमन का विरोध किया। साथ ही इस चुनौती का सामना कर रहे राज्यों के साथ जेएसी बनाने पर सहमती बनी है। द्रमुक की ओर से कहा गया है कि जेएसी राज्यों के प्रतिनिधित्व की रक्षा करने और परिसीमन प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने के लिए मिलकर काम करेगी। राज्यों के हितों की रक्षा के लिए सामूहिक रणनीति बनाने के लिए 22 मार्च को चेन्नई में जेएसी की पहली बैठक की जाएगी।
साथ ही स्टालिन ने कहा कि हिंदी उपनिवेशवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर राज्य को हिंदी लागू करने की धमकी देकर भड़काने का आरोप लगाया। स्टालिन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने ही हमें अन्य राज्यों में पत्र भेजने के लिए उकसाया।
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