परिषदीय विद्यालयों के अध्यापक प्रबंध समिति का गुपचुप तरीके से गठन कर सरकार की मंशा पर लगा रहे पलीता
कछौना, हरदोई( आरएनआई)परिषदीय विद्यालयो में अभिभावकों को समिति में शामिल कर समुदाय की सहभागिता से विद्यालय का बेहतर परिवेश व संचालन के लिए प्रबंध समिति का गठन का प्रावधान है। जिसमें इंचार्ज अध्यापक प्रबंध समिति का गुपचुप तरीके से गठन कर सरकार की मंशा पर पलीता लगा रहे हैं। अधिकांश इंचार्ज अध्यापक बिना अभिवावकों को सूचना देकर कुछ अभिभावकों को बुलाकर बिना कोरम पूरे कागजों पर प्रबंध समिति का गठन कर रहे हैं। जिससे जागरूक व शिक्षित अभिभावकों की समिति में बिना कागजीय के विद्यालय का संचालन मनमाने तरीके से कम्पोजिट ग्रान्ट में बंदर बांट करने का मौका मिल जाएगा। इसलिए शिक्षक (इंचार्ज अध्यापक) गुपचुप तरीके से प्रबंध समिति की बैठक कर खानापूर्ति कर रहे हैं। विद्यालय प्रबंध समिति की विद्यालय संचालन में अहम भूमिका होती है। सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का सही ढंग से क्रियावन्यन
प्रति माह बैठक कर कार्य योजना बनाना, ड्रॉप आउट बच्चों का स्कूल में नामांकन, शिक्षकों का समय से विद्यालय आने जाने व शिक्षण कार्य की निगरानी, मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता की निगरानी, अभिलेखों का रखरखाव, वित्तीय खर्च की निगरानी आदि अहम कार्यों से स्कूल को बेहतर बनाने में अहम भूमिका होती है। कुछ कुछ लापरवाह इंचार्ज अध्यापको को यह बात नागवार गुजरती है। वह बिना पारदर्शिता के मनमाने तरीके से कार्य कर सके, इसलिए अपने चहेते अशिक्षित अभिभावकों को प्रबंध समिति में शामिल कर लेते हैं, जो उनसे दो वर्षों तक जवाब न कर सके। जिससे प्रबंध समिति का गठन अपने उद्देश्य से भटक गई है। इस समिति का दो वर्ष में पुनर्गठन होता है। इसके 15 सदस्य होते हैं, 11 सदस्य अभिभावक व संरक्षक होंगे, शेष 4 सदस्यों के प्रधानाध्यापक, पंचायत प्रतिनिधि, लेखपाल एएनएम होंगे। गठित कमेटी विद्यालय के कार्य प्रणाली की देखरेख करेगी। अधिकांश इंचार्ज अध्यापकों द्वारा गुपचुप तरीके से प्रबंध समिति गठन प्रक्रिया पर अभिभावक संघ के अध्यक्ष अंकित कुमार वर्मा ने जिला अधिकारी से शिकायत की है।
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