'परिक्रमा' से लेकर 'द शेमलेस' तक, कोलकाता फिल्म समारोह में खूब बटोरीं तालियां
कोलकाता फिल्म फेस्टिवल में 29 देशों की 175 फिल्में, 20 विभिन्न जगह दिखाईं जा रही हैं। यह फेस्टिवल 11 दिसंबर तक चलेगा।
कोलकाता (आरएनआई) कोलकाता अंरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में कोलकाता के आईएफएफ में गौतम घोष निर्देशित फिल्म 'परिक्रमा' की विशेष स्क्रीनिंग की गई। इसी तरह से नंदन में भी सिनेमा इंटरनेशनल कैटेगरी में चर्चित फिल्म 'द शेमलेस' का शो हुआ। फिल्म निर्देशक कॉन्सटेनटिन बोजानव द्वारा निर्देशित व मोहन नाडार द्वारा प्रोड्यूस की गई इस फिल्म को देखने के लिए काफी भीड़ देखी गई। दोनों ही फिल्मों ने दर्शकों को खूब तालियां बटोरीं।
कोलकाता फिल्म फेस्टिवल में 29 देशों की 175 फिल्में, 20 विभिन्न जगह दिखाईं जा रही हैं। यह फेस्टिवल 11 दिसंबर तक चलेगा। फिल्म स्क्रीनिंग के बाद गौतम घोष ने कहा, एक तरफ इटली, दूसरी तरफ मध्य प्रदेश। एक तरफ कोरोना महामारी, दूसरी तरफ लोगों में दहशत. स्क्रीन पर इन परिस्थितियों को जीवंत करते हुए फिल्म परिक्रमा तैयार की गई।
फिल्म में चित्रांगदा सिंह, आर्यन बडकुल और कई अन्य कलाकार माको लियोनाडीं के साथ स्क्रीन साझा कर रहे हैं। वहां 'नर्मदा बचाओ आंदोलन' के साथ मातृहीन किशोर लाला का जीवन दुखद माहौल से गुजरा, इसको बखूबी फिल्म में दिखाया गया है।
गौतम कहते हैं कि उपन्यास पढ़ने के बाद फिल्म बनाने का फैसला किया, लेकिन वह तैयारी 2019 से शुरू हुई। पहला भाग इटली में शूट किया गया था। जैसे ही वह प्रकरण खत्म हुआ, दुनिया भर में कोविड का दौर चला। इस कारण फिर लंबे समय तक काम को रोकना पड़ा। उन्होंने बताया कि कोविड के बाद फिर से फिल्म की शूटिंग की गई।
नंदन में सिनेमा इंटरनेशनल कैटेगरी में सुबह चर्चित फिल्म 'द शेमलेस' दिखाई गई। फिल्म निर्देशक कॉन्सटेनटिन बोजानव द्वारा निर्देशित व मोहन नाडार द्वारा प्रोड्यूस की गई इस फिल्म को देखने के लिए काफी लंबी नाइन देखी गई। द शेमलेस फिल्म की शूटिंग नेपाल में हुई है। महिलाएं ताकतवर हैं और और वह लीडर बन और भी सकती हैं, फिल्म यह संदेश देती है।
फिल्म को लेकर सह-कलाकार ओमारा (देविका) ने कहा कि हॉल में दर्शकों के साथ यह फिल्म देखकर वह काफी भावुक हो गईं। फिल्म एक बहुत बड़ा सामाजिक संदेश देने के साथ महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देती है। इसमें यह संदेश दिया गया है कि महिलाओं को भी अपने सपने पूरे करने व खुशी पाने का पूरा हक है, उनमें वह ताकत है कि कुछ भी कर सकती हैं। इसकी पटकथा में एक ज्वलंत मुद्दा उठाया गया है। जनवरी में इसको रिलीज किया जाएगा। वीमेन एमपावरमेंट, इस फिल्म की सेंट्रल थीम है, जिसे देखकर महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा होगा। 11 दिसंबर चलने वाले इस फेस्टिवल के लिए अलग-अलग फिल्मों के लिए टिकट काउंटर पर फ्री में टिकट भी वितरित किए जा रहे हैं। लोग सुबह से ही लंबी कतारों में खड़े होकर टिकट ले रहे हैं।
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