परम वीतरागी एवं निस्पृह संत थे हरि मिलापी मुनि महाराज
वृन्दावन। हरिनिकुंज चौराहा स्थित श्रीहरि मिलाप आश्रम में चल रहे ब्रह्मलीन हरि मिलापी मुनि महाराज के 112 वें अवतार महोत्सव के अंतर्गत ब्रजभूमि कल्याण परिषद एवं ब्रज साहित्य सेवा मंडल के द्वारा आश्रम के वर्तमान अध्यक्ष मदन मोहन महाराज का सम्मान किया गया।साथ ही उन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह,पगड़ी, अंगवस्त्र एवं ठाकुरजी का पटुका प्रसादी माला आदि भेंट कर सम्मान किया गया।
ब्रज भूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि हरि मिलापी आश्रम की धर्म व अध्यात्म के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान है।इस संस्थान के द्वारा अध्यात्म के अलावा लोक कल्याण के अनेकों सेवा प्रकल्प संचालित किए जा रहे हैं।इस संस्था के समूचे विश्व में 108 आश्रम हैं।
ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि ब्रह्मलीन हरि मिलापी मुनि महाराज परम भागवत, निस्पृह व वीतरागी संत थे।उनकी एवं अपने देश व समाज के लिए एक नहीं अपितु अनेकों देनें हैं।उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चल कर उनके उत्तराधिकारी स्वामी मदन मोहन महाराज धर्म व अध्यात्म की सेवा पूर्ण समर्पण के साथ कर रहे हैं।
इस अवसर पर गीता आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी अवशेशानंद महाराज, हरिद्वार स्थित भगवद धाम के महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद महाराज व स्वामी रविंद्रानंद महाराज, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा व युगल गोस्वामी आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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