पंजाब समेत 10 राज्यों में बढ़ेगी गर्मी; पूर्वोत्तर में भारी बारिश और छत्तीसगढ़-बिहार में ओले का अलर्ट
उत्तर पश्चिम में लू का सितम जारी है। मध्य और पूर्वोत्तर भारत में आंधी-तूफान और बारिश का कहर देखा जा रहा है। मौसम के बदले मिजाज का असर पंजाब, हरियाणा समेत 10 राज्यों में दिखने का अनुमान है। मौसम विभाग ने कहा है कि आने वाले दिनों में अभी पारा और चढ़ेगा।

नई दिल्ली (आरएनआई) देश के मौसम में असमान उतार-चढ़ाव बना हुआ है। उत्तर पश्चिम और इसके निकटवर्ती मध्य भारत के मैदानी इलाकों के 10 राज्यों में जहां भीषण गर्मी और लू का सितम बना हुआ है, वहीं पूर्वोत्तर, पूर्वी और उसके आसपास के मध्य भारत के क्षेत्रों में आंधी-तूफान, ओलावृष्टि और बारिश का कहर जारी है। इससे सामान्य जनजीवन प्रभावित होने के साथ ही फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग के अनुसार, यह सलसिला अभी कुछ दिन और जारी रहेगा। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में लू चल रही है। सुबह नौ बजे के बाद ही घरों से बाहर निकलना भारी हो गया है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और राजस्थान में अगले एक सप्ताह में अधिकतम तापमान में 1 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
महाराष्ट्र के विदर्भ के ब्रह्मपुरी में देश का सर्वाधिक तापमान 45.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पंजाब के आदमपुर में सबसे कम 18.3 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ। दिल्ली में अधिकतम तापमान 42.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले तीन साल में सर्वाधिक है। इससे पहले, 2022 में अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
गर्मी के साथ उमस ने भी लोगों को परेशान कर रखा है। झारखंड, बिहार, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, तमिलनाडु, पुडुचेरी, तटीय कर्नाटक और केरल में गर्म और चिपचिपा मौसम बना हुआ है। विशेष रूप से 29 अप्रैल तक पश्चिमी राजस्थान में रात के समय भी गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली। उत्तर प्रदेश और पूर्वी भारत में 28 अप्रैल से तापमान में 2-5 डिग्री की गिरावट संभव है। मध्य भारत, खासकर मध्य प्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों में तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट संभावित है। वहीं, महाराष्ट्र में अगले पांच दिनों में यह 2 से 4 डिग्री तक घट सकता है। इससे इन राज्यों को चिलचिलाती गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है।
मध्य असम, पूर्वी बिहार और उससे सटे उप हिमालयी पश्चिम बंगाल के निचले क्षोभमंडल स्तरों पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। तेलंगाना से मन्नार की खाड़ी तक एक कम दबाव का क्षेत्र भी बना है। वहीं, दक्षिण पश्चिम राजस्थान और ऊसके आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय है। मौसम संबंधी इन प्रणालियों के प्रभाव से उत्तर पश्चिम भारत के पहाड़ी राज्यों जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश, बिजली गिरने और 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका है। 27 अप्रैल से 1 मई के बीच मध्य भारत और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी 60 किमी प्रति घंटे की तेज हवाएं चल सकती हैं।
मौसम विभाग ने 27 से 28 अप्रैल के दौरान छत्तीसगढ़ और बिहार के कई इलाकों में ओलावृष्टि की चेतावनी दी है। इससे खरीफ पूर्व फसलें जैसे मक्का, सब्जियां और फल प्रभावित हो सकते हैं। कर्नाटक के उत्तरी आंतरिक भागों में भी ओलावृष्टि की आशंका जताई गई है जो स्थानीय किसानों के लिए एक नई चुनौती बन सकती है।
पूर्वोत्तर भारत खासकर असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, दक्षिणी हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भारी बारिश और बिजली गिरने की संभावना है। 27 अप्रैल को असम और मेघालय के कुछ क्षेत्रों में 204 मिमी या उससे अधिक वर्षा हो सकती है। अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में भी भारी वर्षा (115 मिमी या अधिक) का अनुमान है।
भारत का दक्षिणी प्रायद्वीप भी मौसम के बदलाव से अछूता नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 7 दिनों तक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, रायलसीमा, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में 50 किमी प्रति घंटे तक की तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने और बारिश की संभावना है।
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