पंजाब में लोगों को बड़ी राहत, बसों में 52 से अधिक सवारी न बैठाने का फैसला
पनबस-पीआरटीसी के कच्चे कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी और पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच सोमवार को बैठक हुई। बैठक में पहुंचे यूनियन के पदाधिकारियों को अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि आठ फरवरी को उनकी सीएम भगवंत मान के साथ बैठक कराई जाएगी। इसके बाद यूनियन ने 52 से अधिक सवारी न बैठाने का फैसला लिया है।
चंडीगढ़ (आरएनआई) पंजाब में सरकारी बसों में सफर करने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। बसों में 52 से अधिक सवारी न बैठाने के फैसले को यूनियन ने वापस ले लिया है। पनबस-पीआरटीसी के कच्चे कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी ने सोमवार को पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में यूनियन के पदाधिकारी शामिल थे।
अधिकारियों ने यूनियन पदाधिकारी को यह आश्वासन दिया कि आठ फरवरी को उनकी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बैठक होगी। इस आश्वासन पर यूनियन ने 52 सवारियों को बैठने संबंधी लगाई गई पाबंदी के फैसले को वापस ले लिया है। केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून और राज्य सरकार की कर्मचारी नीतियों के विरोध में यूनियन ने बसों में 52 सवारी से अधिक न बैठाने का फैसला किया था। जिसका बीते दिनों में बसों में सफर करने वाले यात्रियों पर व्यापक असर पड़ा।
ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारियों के साथ यूनियन के पदाधिकारी की हुई बैठक में यूनियन के प्रदेश प्रधान रेशम सिंह गिल, महासचिव शमेशर सिंह ढिल्लों व अन्य पदाधिकारी शामिल रहे। यूनियन की ओर से नई ट्रांसपोर्ट नीति के तहत चालकों और ट्रांसपोर्टर पर नियमों के तहत बनी करवाई नियम में संशोधन किए जाने की मांग की। इसके अलावा यूनियन ने मांग की जिन 400 कच्चे कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है, उन्हें दोबारा विभाग में रखा जाए। यूनियन पदाधिकारी ढिल्लों ने कहा कि सरकार द्वारा कच्चे कर्मचारियों को पक्का किए जाने को लेकर केवल दावे किए जा रहे हैं, धरातल पर इसको लेकर कोई नीति अब तक सामने नहीं आई है।
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