पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने रखा बरकरार
सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय पीठ ने 13 न्यायिक अधिकारियों को पदोन्नत करने के हाईकोर्ट के निर्देश को चुनौती देने वाली असफल उम्मीदवारों और हरियाणा सरकार की विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज कर दिया।
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्धारित उस मानदंड को बरकरार रखा जिसमें जिला न्यायाधीशों के पद पर पदोन्नति चाहने वाले न्यायिक अफसरों को साक्षात्कार में न्यूनतम 50 फीसदी अंक प्राप्त करने की शर्त है। सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय पीठ ने 13 न्यायिक अधिकारियों को पदोन्नत करने के हाईकोर्ट के निर्देश को चुनौती देने वाली असफल उम्मीदवारों और हरियाणा सरकार की विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज कर दिया।
मामला हरियाणा सुपीरियर ज्यूडिशियल सर्विस रूल्स, 2007 के नियम 8 में उल्लिखित पदोन्नति प्रक्रिया के तहत योग्यता-सह-वरिष्ठता के माध्यम से चयन के लिए 65 फीसदी कोटा से संबंधित था। हाईकोर्ट की कार्रवाई को मुख्य रूप से इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि नियम मौखिक परीक्षा के लिए न्यूनतम कट-ऑफ मानदंड निर्धारित नहीं करते हैं।
हरियाणा राज्य ने इस आधार पर निर्देश पर आपत्ति जताई कि हाइकोर्ट ने मानदंड तैयार करने से पहले अनुच्छेद 233 के अनुसार राज्य सरकार से परामर्श नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूंकि नियम मौखिक परीक्षा के लिए न्यूनतम कट-ऑफ के पहलू पर मौन हैं, इसलिए हाईकोर्ट के पूर्ण न्यायालय के प्रस्ताव के माध्यम से ऐसी शर्त निर्धारित करना उचित था। याचिकाकर्ताओं ने साक्षात्कार की आवश्यकता पर भी सवाल उठाया था। लेकिन इस तर्क को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साक्षात्कार के महत्व पर जोर दिया।
Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z
What's Your Reaction?