‘’न्यायोत्सवः विधिक सेवा सप्ताह’’ के अंतर्गत वृद्वाश्रम गुना में आयोजित किया गया वृहद विधिक साक्षरता शिविर सह स्वास्थ्य परीक्षण शिविर
गुना (आरएनआई) मप्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशन में एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गुना के तत्वाधान में स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमिताभ मिश्र के मार्गदर्शन में ‘’न्यायोत्सवः विधिक सेवा सप्ताह’’ श्रृंखला कार्यक्रम अंतर्गत आज वृद्वाश्रम कैंट गुना में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त शिविर में विशेष न्यायाधीश संदीप कुमार श्रीवास्तव बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहें। साथ ही जिला न्यायाधीश राघवेन्द्र भारद्वाज सहित सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गुना रविन्द्र प्रताप सिंह चुण्डावत, विधिक सहायता अधिकारी श्रीमती विभूति तिवारी, जिला चिकित्सालय से डॉ. अंकित उपाध्याय मेडीकल ऑफीसर गुना तथा डॉ. अंकिता राजपूत, डेन्टल सर्जन सहित मेडीकल टीम उपस्थित रही।
जिला न्यायाधीश / सचिव श्री चुण्डावत द्वारा वृद्वजनों को विस्तृत चर्चा के दौरान बताया कि अनुच्छेद 41 और अनुच्छेद 46 वृद्धजनों के लिये उपलब्ध संवैधानिक प्रावधान हैं। हालाँकि नीति निदेशक तत्व कानून के तहत प्रवर्तनीय नहीं होते, लेकिन यह किसी भी विधि निर्माण के समय राज्य को एक सकारात्मक दायित्व सौंपते हैं। हिंदू विवाह एवं दत्तक ग्रहण अधिनियम,1956 की धारा 20 में वृद्ध माता-पिता के भरण-पोषण को बाध्यकारी प्रावधान बनाया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत वृद्ध माता-पिता अपने बच्चों से भरण-पोषण का दावा कर सकते हैं। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007 बच्चों या उत्तराधिकारियों के लिये अपने माता-पिता या परिवार के वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण करने को विधिक रूप देने का लक्ष्य रखता है।
उक्त शिविर में सभी वृद्वजनों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका यथा आवश्यक दवाइयाँ वितरित की गयी। सभी वृद्वजनों से पृथक-पृथक चर्चा कर उनकी समस्याओं को सुना एवं निराकरण किया गया।
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