न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर 26 जुलाई शाम पांच बजे तक रोक लगाई

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के ‘विस्तृत वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ पर 26 जुलाई को शाम पांच बजे तक रोक लगा दी और कहा कि (सर्वेक्षण के) आदेश को चुनौती देने के लिए ‘कुछ समय दिया जाना चाहिए।’

Jul 24, 2023 - 15:15
 0  351
न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर 26 जुलाई शाम पांच बजे तक रोक लगाई

नयी दिल्ली, 24 जुलाई 2023, (आरएनआई)। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के ‘विस्तृत वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ पर 26 जुलाई को शाम पांच बजे तक रोक लगा दी और कहा कि (सर्वेक्षण के) आदेश को चुनौती देने के लिए ‘कुछ समय दिया जाना चाहिए।’

वाराणसी की एक अदालत ने गत शुक्रवार को एएसआई को यह पता लगाने के लिए ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था कि मस्जिद का निर्माण वहां पहले मौजूद मंदिर पर किया गया था या नहीं।

ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतजामिया मस्जिद (एआईएम) की ओर से मामले की तत्काल सुनवाई के लिए दायर याचिका पर शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को निर्देश दिया कि वह बुधवार शाम को ‘यथास्थिति’ संबंधी उसके आदेश की समाप्ति से पहले मस्जिद समिति की अर्जी पर सुनवाई करे।

सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश उस समय आया, जब एएसआई की 30-सदस्यीय टीम वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए मस्जिद के अंदर थी।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, “हम याचिकाकर्ताओं को संविधान के अनुच्छेद-227 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए और उचित सुनवाई के लिए वाराणसी के विद्वान जिला न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने के वास्ते उच्च न्यायालय का रुख करने की अनुमति देते हैं।”

उसने कहा, “इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि जिला अदालत का आदेश 21 जुलाई को शाम 4.30 बजे पारित किया गया था और एएसआई सर्वेक्षण सोमवार को शुरू किया गया, हमारी राय है कि याचिकाकर्ताओं को उचित राहत देने के अनुरोध को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए।”

पीठ ने कहा, “हम निर्देश देते हैं कि जिला न्यायाधीश के आदेश पर 26 जुलाई को शाम पांच बजे तक अमल नहीं किया जाएगा। अगर याचिकाकर्ता इस अवधि में अनुच्छेद-27 के तहत याचिका या आवेदन के साथ उच्च न्यायालय का रुख करता है, तो उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार-न्यायपालिका यह सुनिश्चित करेंगे कि इसे एक उचित पीठ के समक्ष सूचिबद्ध किया जाए, ताकि यथास्थिति संबंधी आदेश समाप्त होने से पहले इस पर सुनवाई हो सके।”

पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण के लिए मौजूद एएसआई अधिकारियों को फौरन आदेश के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया।

सुनवाई की शुरुआत में, मस्जिद समिति का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी ने एएसआई के काम पर तत्काल रोक लगाने के आग्रह वाली याचिका को पेश करते हुए कहा कि यह कार्य पीड़ित पक्ष को अपील दायर करने का समय दिए बिना ‘जल्दबाजी’ में किया गया है।

पीठ ने पहले कहा था कि मस्जिद समिति को उच्च न्यायालय के पास जाना चाहिए, लेकिन बाद में वह सोमवार को दोपहर में याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई। उसने सॉलिसिटर जनरस से एएसआई द्वारा किए जा रहे सर्वे कार्य की स्थिति बताने को भी कहा।

पीठ ने स्पष्ट किया कि मस्जिद परिसर में कोई तोड़फोड़ या खुदाई कार्य नहीं किया जाना चाहिए।

सॉलिसिटर जनरल ने पीठ को सूचित किया कि एएसआई मस्जिद परिसर में फिलहाल सिर्फ फोटोग्राफी और राडार-इमेजिंग कर रहा है तथा वहां कोई तोड़फोड़ या खुदाई नहीं की जा रही है।

वाराणसी की एक अदालत ने शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए वजूखाने (जहां लोग नमाज से पहले हाथ-मुंह धोते हैं) को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी थी।

जिला न्यायाधीश ए के विश्वेश ने एएसआई को सर्वेक्षण कार्यवाही की वीडियो क्लिप और तस्वीरों के साथ चार अगस्त तक अदालत में एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

अहमदी ने शीर्ष अदालत से कहा कि पूरे परिसर के एएसआई सर्वेक्षण का निर्देश देते हुए एक आदेश पारित किया गया था, “जो हमारे अनुसार उच्चतम न्यायालय के आदेश के विपरीत है।”

इस पर पीठ ने अहमदी से पूछा, “आप इसे (याचिका को) वापस क्यों नहीं लेते और इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख क्यों नहीं करते?

जवाब में वरिष्ठ वकील ने कहा कि एएसआई ने मस्जिद परिसर के इस आग्रह को ठुकराते हुए सर्वेक्षण शुरू कर दिया है कि चूंकि मामला शीर्ष अदालत में विचाराधीन है, इसलिए सर्वे कार्य को कुछ समय के लिए रोक दिया जाए।

जिला अदालत के आदेश का जिक्र करते हुए अहमदी ने कहा कि वे परिसर में खुदाई करेंगे, क्योंकि एएसआई को जीपीआर सर्वेक्षण और अन्य वैज्ञानिक आकलन करने का निर्देश दिया गया है।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा, “सुनवाई की पिछली तारीख पर, ‘शिवलिंग’ की कार्बन-डेटिंग का मुद्दा शामिल था और मैंने कहा था कि यह एक आक्रामक तरीका होगा। यह सर्वेक्षण करने का एक गैर-आक्रामक तरीका है।”

इसके बाद शीर्ष अदालत ने आदेश पारित करते हुए कहा कि परिसर में एक हफ्ते तक कोई खुदाई न हो और मस्जिद समिति इस अवधि में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटकखटा सकती है।

इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने ‘शिवलिंग’ जैसी संरचना के आसपास के क्षेत्र की सुरक्षा का आदेश दिया था, जो तब मिला था, जब एक अन्य अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियो सर्वेक्षण का आदेश दिया था।

मस्जिद समिति का दावा है कि यह संरचना ‘वजूखाने’ में मौजूद फव्वारे का हिस्सा है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.