नैनीझील सूख रही, जहां नाव चलती थी वहां अब पर्यटक घूम रहे
उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नैनीताल में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के कारण नैनीझील का जलस्तर अपने पांच सालों के सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। दोपहर का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मसूरी, धनौल्टी, मुनस्यारी, कौसानी, रानीखेत में भी गर्मी से हालत खराब हैं।
नैनीताल (आरएनआई) उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नैनीताल में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के कारण नैनीझील का जलस्तर अपने पांच सालों के सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। दोपहर का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मसूरी, धनौल्टी, मुनस्यारी, कौसानी, रानीखेत में भी गर्मी से हालत खराब हैं।
अगर कुछ दिनों में बारिश नहीं हुई, तो झील का जलस्तर अपने अब तक के सबसे निम्नतम स्तर पर पहुंच सकता है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि जहां एक महीने पहले तक नावें तैर रही थीं, वहां अब डेल्टा उभर आए हैं और पर्यटक वहां पर चहलकदमी कर रहे हैं।
नैनीताल में पिछले दो सालों से बर्फबारी नहीं हुई है और इस बार नवंबर के बाद से पर्याप्त बारिश भी नहीं हुई। इस कारण झील का रिचार्ज नहीं हो पाया है। बुधवार को नैनीझील का जलस्तर अपने बांध स्तर से छह फीट नीचे चला गया। इससे पहले 2018 में जलस्तर सामान्य से 7 फीट नीचे था। साल 2016 में नैनीझील ने अपना सबसे निचला जलस्तर छूने का रिकॉर्ड बनाया था, जो कि सामान्य से 7.10 फीट था। हालात में झील की मछलियां भी किनारे पर आकर मरने लगी थीं।
नैनीताल के पास की सातताल, नौकुचियाताल और भीमताल झीलों का जलस्तर भी इस साल बहुत कम हो गया है, जिससे झील किनारे डेल्टा उभर आए हैं। नैनीताल जल संस्थान के अधिशासी अभियंता विपिन चौहान ने बताया कि नैनीताल और आसपास के 36 प्राकृतिक जलस्रोत सूख गए हैं, और 32 पेयजल योजनाओं का पानी खत्म हो गया है, जिससे 44 राजस्व गांव प्रभावित हैं।
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