नेपाल के पानी से सिकरहना नदी का बढ़ने लगा जलस्तर
बांध टूटी होने के कारण लोगों की बढ़ने लगी बेचैनी
सुगौली प्रखण्ड क्षेत्र में बरसात की दस्तक के साथ हीं कई गांवों के लोगों के बीच फिर संभावित बाढ़ का खतरा सताने लगा है। सिकरहना (बूढ़ी गंडक) नदी का जलस्तर शनिवार की रात से धीरे-धीरे बढ़ने लगा है।जिससे नदी किनारे के गांव निमुई,डुमरी टोला,लाल परसा,कैथवलिया और भवानीपुर सहित कई गांव के लोगों की धड़कने बढ़ने लगी हैं। बांध के किनारे बसे सैकड़ों परिवार की जिन्दगी पूरे बरसात के समय बगल के एनएच पर तम्बूओं में कटती है। पिछले कई वर्षों से नदी किनारे बसे इन सैकड़ों परिवारों की जिंदगी ऐसे हीं कटती है।कारण की नदी के बाढ़ से लोगों बचाने वाला रिंग बांध कई वर्ष पूर्व से क्षतिग्रस्त है। इस रिंग बांध की मरम्मत आज तक नहीं हो सकी और फिर बरसात का मौसम आ गया। सरकार की इस उदासीनता से लोगों में नाराजगी बनी हुई है। पांच सालों में सैकड़ों फीट बांध ध्वस्त हो चुका है।नदी किनारे बसे गांव अमीर खान टोला गोदाम वार्ड 12 के निवासी अब्दुल रहीम,मो वकील और निमुई गांव निवासी रविन्द्र राय बाढ़ से बचाव के नाम पर बड़े नाराज दिखे।अधिकारी से लेकर स्थानीय विधायक शशि भूषण सिंह पर भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।कहा कि वोट के समय आये और बांध बनवाने की बात कर वोट लिए और जीत कर चले गये।फिर कभी देखने नही आये।लोगों का कहना था कि नदी का जलस्तर बढ़ते हीं पानी बाहर निकलने लगता है और हमलोगों का घर पानी में डूबने लगता है।बाल-बच्चों को लेकर बगल के एनएच किनारे प्लास्टिक तान कर पूरे बरसात भर दिन काटना पड़ता है।इस बरसात फिर से नदी के बढ़ते जलस्तर ने चिंता बढ़ानी शुरू कर दी है।
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