नेपाल के तीन गाँव से भारतीय क्षेत्र में आता है महावीरी झंडा,देखने के लिए हजारों की संख्या में दोनों देशों के आते है लोग

Aug 9, 2024 - 22:50
Aug 31, 2024 - 18:28
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नेपाल के तीन गाँव से भारतीय क्षेत्र में आता है महावीरी झंडा,देखने के लिए हजारों की संख्या में दोनों देशों के आते है लोग
नेपाल के तीन गाँव से भारतीय क्षेत्र में आता है महावीरी झंडा,देखने के लिए हजारों की संख्या में दोनों देशों के आते है लोग

मोतिहारी (आरएनआई) भारत नेपाल सीमावर्ती में स्थित बरवा खुर्द का ऐतिहासिक नरकटिया पोखर पर प्रत्येक वर्ष नागपंचमी के मौके पर दो देशों के महावीरी अखाड़ा एक साथ पहुँचता है। जिससे देखने दोनों देशों से हजारों की संख्या महिलाएं पुरुष एवं बच्चो पहुँचते है। नागपंचमी के मौके पर लगने वाले ऐतिहासिक महावीरी अखाड़ा नेपाल के रौतहट जिले के बड़का घिउरा,छोटका घिवरा एवं जयनगर से बजरंग बली का ध्वज लेकर पारम्परिक लाठी डंडे से कर्तव्य दिखते हजारों की संख्या में ग्रामीण नरकटिया पोखर पर पहुँचते है। जबकि भारतीय क्षेत्र का बरवा खुर्द,समनपुर सहित आदि जगहों का जुलूस एकत्र होकर भव्य मेला का आयोजन होता है। सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा कुंडवा चैनपुर थाना और भारतीय एसएसबी करती है। शुक्रवार को दिनों देशों का महावीरी झण्डा शांतिपूर्ण रूप से सम्पन हो गया। स्थानीय ग्रामीण बताते है की करीब सैकड़ो वर्ष पहले से नेपाल से झण्डा के साथ जुलूस चलकर घोड़ासहन प्रखण्ड के नरकटिया पोखर पर आता है। जो अपने आप मे ऐतिहासिक है। स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि उदय जयसवाल ने बताया कि नरकटिया पोखर काफी प्राचीन पोखर है। साथ ही साथ ऐतिहासिक जगह है। पोखर के सौंदर्यीकरण के हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। इसको अलग स्थान मिल सके। यह बहुत खुशी की बात है कि दो देशों का मेला का आयोजन संयुक्त रूप से एक जगह शांतिपूर्ण रूप से होता आ रहा है। नेपाल के जयनगर निवासी जयमंगल प्रसाद बताते है। जब झंडा का जुलूस नेपाल से चलता है। तब सुरक्षा एवं विधि व्यवस्था के जिमेवारी नेपाल प्रशासन की होती है। जैसे ही यह जुलूस भारतीय सीमा में प्रवेश करती है तो जुलूस की विधि व्यवस्था की जिमेवारी भारतीय प्रशासन की हो जाती है। जो अपने आप में एक अलग स्थान रखता है। यह मेला का आयोजन भारत नेपाल के प्रगढ़ संबंध को दर्शाता है।

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