नीट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट आज नीट परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर सुनवाई कर रहा है। नीट की परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर शीर्ष अदालत में एक याचिका दाखिल की गई है। रिजल्ट आने के बाद से ही कई दिनों से छात्र देश के कोनों-कोनों में प्रदर्शन हो रहे हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 के रिजल्ट में धांधली को लेकर छात्र काफी नाराज चल रहे हैं। अब नीट की प्रवेश परीक्षा में गड़बड़ी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, जिस पर आज सुनवाई हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
नीट यूजी प्रश्नपत्र लीक होने की खबरों के बीच अभ्यर्थियों के एक समूह ने नए सिरे से एनईईटी-यूजी 2024 परीक्षा कराने की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया। गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की है कि नीट यूजी 2024 रिजल्ट को वापस लिया जाए और फिर से परीक्षा कराई जाए। बता दें, नीट परीक्षा पांच मई को हुई थी और चार जून को रिजल्ट आया था। तभी से कई शिकायतें सामने आई, जिसमें पेपर लीक की बातें कही गईं।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से छात्रों को भी झटका लगा है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाशकालीन पीठ ने एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पास उम्मीदवारों की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। वहीं परीक्षा रद्द करने से भी मना कर दिया।
अवकाश पीठ ने एनटीए से कहा, 'यह इतना भी आसान नहीं है, क्योंकि आपने यह कराया है, इसलिए इसकी पूरी प्रक्रिया पर अंगुली नहीं उठाई जा सकती। पवित्रता पर असर पड़ा है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता मैथ्यू जे नेदुमपारा ने पीठ से काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने का अनुरोध किया। हालांकि, शीर्ष अदालत ने काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और मामले की सुनवाई के लिए आठ जुलाई का समय दिया। पीठ ने कहा, 'काउंसलिंग शुरू होने दीजिए, हम काउंसलिंग नहीं रोक रहे हैं।
परीक्षा की मांग करने वाली याचिकाओं पर पीठ ने एनटीए को नोटिस जारी किया। अदालत ने कहा कि परीक्षा की शुचिता प्रभावित हुई है, इसलिए एनटीए को जवाब देने की जरूरत है। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) की परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस और आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है।
शीर्ष अदालत ने शिवांगी मिश्रा और अन्य द्वारा दायर याचिका को लंबित याचिका के साथ जोड़ दिया और एनटीए से इस बीच जवाब दाखिल करने को कहा। याचिका में आरोप लगाया गया है कि नीट-यूजी, 2024 कदाचार से भरा हुआ है, क्योंकि पेपर लीक के विभिन्न मामले याचिकाकर्ताओं के संज्ञान में आए हैं।
रिजल्ट आने के बाद से ही कई दिनों से छात्र देश के कोनों-कोनों में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस याचिका में रिजल्ट वापस लेने और दोबारा परीक्षा की मांग की गई है। वहीं, परीक्षा के रिजल्ट में धांधली की जांच की मांग की गई है। आगे कहा गया कि एनटीए ने मनमानी ग्रेस मार्क दिया है। याचिकाकर्ता ने आशंका जताते हुए कहा कि यह तथ्य सामने आया है कि एक सेंटर विशेष पर एग्जाम दे रहे 67 स्टूडेंट्स को फुल मार्क्स 720 तक दिए गए हैं। याचिका में आगे कहा गया कि नीट परीक्षा 5 मई को हुई और तभी से कई शिकायतें सामने आई जिसमें पेपर लीक की बातें कही गईं।
ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में तेलंगाना व आंध्र प्रदेश के रहने वाले अब्दुल्लाह मोहम्मद फैज और शैंक रोशन मोहिद्दीन ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि छात्रों के हितों की खातिर यह याचिका दायर की गई है और सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि इस मामले में जब तक जांच होती है तब तक नीट यूजी 2024 की काउंसलिंग पर रोक लगाई जाए। जानकारी दे दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही दो याचिका लंबित हैं और परीक्षा रद्द कराने की गुहार लगाई जा चुकी है।
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