नीट परीक्षा खत्म करने को लेकर तमिलनाडु सरकार ने शुरू की भूख हड़ताल
डीएमके पार्टी के नेताओं ने तमिलनाडु में आत्महत्या करने वाले नीट छात्रों के लिए एक मिनट का मौन रखा। साथ ही राज्य में नीट परीक्षा पर प्रतिबंध लगाने से इनकार करने पर राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
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राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को रद्द कराने के लिए रविवार को सत्तारूढ़ द्रमुक (डीएमके) ने राज्यव्यापी भूख हड़ताल शुरू की। नीट परीक्षा का बच्चों और उनके माता-पिता के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए डीएमके ने यह हड़ताल करने का फैसला किया है।बता दें, राज्य मंत्री और पार्टी की युवा शाखा के प्रमुख उदयनिधि स्टालिन की अध्यक्षता में पूरे तमिलनाडु में भूख हड़ताल शुरू हुई। वल्लुवर कोट्टम में विरोध दर्ज कराने के लिए उदयनिधि के साथ डीएमके के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री दुरईमुरुगन, एमए सुब्रमण्यम और पीके शेखर बाबू, पार्टी सांसद, विधायक के साथ साथ चेन्नई की मेयर प्रिया आर भी शामिल हुईं।वहीं, डीएमके पार्टी के नेताओं ने तमिलनाडु में आत्महत्या करने वाले नीट छात्रों के लिए एक मिनट का मौन रखा। साथ ही राज्य में नीट परीक्षा पर प्रतिबंध लगाने से इनकार करने पर राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। अरियालुर की एस अनीता सहित नीट परीक्षा से परेशान होकर आत्महत्या करने वाले मेडिकल छात्रों का एक कोलाज बनाकर मंच पर प्रदर्शित किया गया और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।केंद्रीय योग्यता परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर राज्यव्यापी भूख हड़ताल की जा रही है। दुरईमुरुगन ने कहा कि नीट छात्रों के कल्याण के खिलाफ है। हम लोग लंबे समय से इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बार-बार अनुरोध के बावजूद, केंद्र नीट के खिलाफ तमिलनाडु के लोगों के अनुरोध पर ध्यान नहीं दे रहा है।देश में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में दाखिला लेने के लिए नीट एग्जाम पास करना अनिवार्य है। नीट स्कोर के आधार पर मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिलता है, लेकिन तमिलनाडु सरकार नीट परीक्षा को ही खत्म कर देना चाहती है। इस संबंध में हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा था। उन्होंने अपने एंटी नीट बिल के संबंध में राष्ट्रपति को लिखे पत्र में में कहा है कि अगर हमारे विधेयक को मंजूरी दे दी जाती तो 12वीं के मार्क्स के आधार पर प्नवेश होता और छात्र आत्महत्या करने से बच जाते।
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