निरंकारी भक्तों के संग ‘आओ सवारें, यमुना किनारे’, निरंकारी मिशन द्वारा प्रोजेक्ट अमृत के तहत होगी यमुना के घाटों की सफाई

स्वच्छ जल - स्वच्छ मन का हिस्सा बनेंगे तीन लाख निरंकारी भक्त। 

Feb 23, 2024 - 12:56
Feb 23, 2024 - 12:57
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निरंकारी भक्तों के संग ‘आओ सवारें, यमुना किनारे’, निरंकारी मिशन द्वारा प्रोजेक्ट अमृत के तहत होगी यमुना के घाटों की सफाई

मथुरा (आरएनआई) प्रोजेक्ट अमृत के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल, स्वच्छ मन’स्वरजना के दूसरे चरण का आयोजन निरंकारी सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के प्रेरक मार्गदर्शन में 25 फरवरी रविवार को होगा। 

निरंकारी प्रतिनिधि किशोर स्वर्ण ने बताया कि देशभर के 1500 जल स्त्रोत स्थलों पर देशव्यापी स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। जिसका हिस्सा लगभग तीन लाख निरंकारी भक्त बनेंगे। दिल्ली से मथुरा - आगरा तक इस अभियान को ‘आओ सवारें, यमुना किनारे’ के नारे द्वारा विस्तृत किया जा रहा है जिसमें निरंकारी मिशन के युवागण विभिन्न कॉलेज एवं शिक्षण संस्थानों में जाकर जल संरक्षण पर गीतों की प्रस्तुति, जल जनित रोगों के प्रति जागरूकता को ग्रुप सांग, सेमिनार एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से जनमानस को जागृत एवं प्रोत्साहित कर रहे हैं।

मथुरा के जोनल इंचार्ज एच के अरोड़ा ने बताया कि बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की प्रेरणात्मक शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए 25 फरवरी रविवार को प्रातः 8 बजे से सैंकड़ों निरंकारी भक्त यमुना के मुख्य स्थल विश्राम घाट से आगरा होटल बंगाली घाट के आसपास यमुना किनारे जमी काई, कीचड़, प्लास्टिक कचरा आदि गंदगी को साफ कर स्वच्छ जल स्वच्छ मन का संदेश देंगे, वहीं फरह के दीनदयाल धाम क्षेत्र तथा कोसीकलां के गोमती तालाब में भी स्चच्छता अभियान चलाया जाएगा।

संत निरंकारी मण्डल के सचिव एवं समाज कल्याण प्रभारी श्री जोगिन्दर सुखीजा ने जानकारी देते हुए बताया कि ‘स्वच्छ जल, स्वच्छ मन’ के आदर्श वाक्य से प्रेरणा लेते हुए यह परियोजना समूचे भारतवर्ष के 27 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में 900 शहरों के 1500 से भी अधिक स्थानों पर एक साथ आयोजित की जायेगी। निरंकारी मिशन के लगभग तीन लाख स्वयंसेवक अपने सहयोग द्वारा ‘जल संरक्षण’ और ‘जल निकायों’ जैसे समुद्र तट, नदियां, झीले, तालाब, कुंए, पोखर, जोहड, विभिन्न झरनों, पानी की टंकियों, नालियों और जल धाराओं इत्यादि को स्वच्छ एवं निर्मल बनायेंगे। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जल निकायों को संरक्षित करने के विकल्पों के विषय में जनमानस को जागृत करना है ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ भविष्य दिया जा सके।

उन्होंने बताया कि संत निरंकारी मिशन द्वारा स्वच्छता अभियान के उपलक्ष्य में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से ‘प्रोजेक्ट अमृत’ का आरम्भ वर्ष 2023 में किया था। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य जल निकायों का संरक्षण, उनकी स्वच्छता एवं स्थानीय जनता के बीच ‘जागरूकता अभियान’ के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहित करना है। इस परियोजना के अंतर्गत संपूर्ण भारतवर्ष के विभिन्न स्थानों के समुद्री तटों, नदियों, झीलों, तालाबों, कुओं, झरनों इत्यादि जैसे जल निकायों की स्वच्छता पर ध्यान केन्द्रित किया गया और उन स्थलों की सफाई भी की गई। पर्यावरण संरक्षण हेतु चलाये गये इस परियोजना की समाज के हर वर्ग द्वारा प्रशंसा एवं सराहना की गई और यह कार्यक्रम पूर्णतः सफल रहा। 

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