नारी सशक्तीकरण की दिशा में मिशन शक्ति एक मील का पत्थर साबित हुई है:-डी0एम0
हरदोई (आरएनआई )जनपद मुख्यालय स्थित रसखान प्रेक्षागृह में मिशन शक्ति फेज-4 के अंतर्गत हक की बात जिलाधिकारी के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह व भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष अलका गुप्ता ने दीप प्रज्ज्वलित कर व सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया। जिलाधिकारी ने जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से आयी महिलाओं से उनकी समस्याओं को लेकर संवाद किया। महिलाओं ने यौन हिंसा, लैंगिक असमानता, घरेलू हिंसा, कन्या भ्रूण हत्या, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न तथा दहेज हिसा आदि जैसे विषयों पर अपने प्रश्न रखे जिनका जिलाधिकारी ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति के अंतर्गत महिलाओं के अंदर सशक्तता एवं स्वावलंबन का भाव लाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा सहायता के लिए विभिन्न हेल्पलाइन नंबर बनाये गए हैं। उन्होंने कहा कि स्वावलंबी बनने के लिए प्रत्येक बच्ची को अच्छी पढ़ाई करनी चाहिए। प्रत्येक समस्या मां-बाप से अवश्य साझा करना चाहिए। नवरात्रि की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक महिला को माँ दुर्गा की तरह सशक्त बनना है। उन्होंने कहा कि जनपद में अब दो महिला थाने हो गए हैं और प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गयी है। पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए सरकार व प्रशासन पूरी तरह संजीदा है। तीन तलाक अब गैरकानूनी है। ऐसे मामलों में नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। एक बच्ची के प्रश्न के जवाब में जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालयों में आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दिलाने के लिए कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सहायता के लिए वन स्टॉप सेंटर संचालित हैं। जागरूक महिलाएं हेल्प लाइन नंबरों के बारे में अन्य महिलाओं को भी बताएं। दहेज उत्पीड़न के विरुद्ध सभी खड़े हों। महिला सशक्तीकरण के लिए लिए जा रहे गम्भीर प्रयासों के कारण लिंगानुपात में सुधार हुआ है। महिलाएं स्वयं को स्वावलंबी बनाएं। कुछ स्कूली बच्चियों ने कैरियर से संबंधित सवाल पूछे जिनका जिलाधिकारी ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बच्चियां अभ्युदय जैसी योजनाओं का लाभ उठाकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्वयं को तैयार कर सकती हैं। दृढ़ इच्छा शक्ति से आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे भी सफलता की सीढ़ी चढ़ सकती हैं। बच्चियों को महामहिम राष्ट्रपति जी से प्रेरणा लेनी चाहिए। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम नारी सशक्तीकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुई है। महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के विभिन्न योजनाएं संचालित हैं। स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर स्वयं को स्वावलंबी बना सकती हैं। कार्यक्रम का संचालन मनीष मिश्रा ने किया। इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी सुशील कुमार सिंह, जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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