नागरिकों के मुद्दों पर संसद में चर्चा कराने का निर्देश देने संबंधी याचिका उच्चतम न्यायालय में दाखिल

उच्चतम न्यायालय में एक याचिका की दायर की गयी है जिसमें केंद्र एवं अन्य को एक ऐसा तंत्र तैयार करने का निर्देश देने का अनुरोध है जिससे नागरिकों को संसद में अर्जी के माध्यम से अपनी बात पहुंचाने और उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों पर देश के शीर्ष विधायी निकाय में चर्चा शुरू करवाने की व्यवस्था हो।

Jan 28, 2023 - 23:30
 0  432
नागरिकों के मुद्दों पर संसद में चर्चा कराने का निर्देश देने संबंधी याचिका उच्चतम न्यायालय में दाखिल
उच्चतम न्यायालय

नयी दिल्ली, 28 जनवरी 2023, (आरएनआई)। उच्चतम न्यायालय में एक याचिका की दायर की गयी है जिसमें केंद्र एवं अन्य को एक ऐसा तंत्र तैयार करने का निर्देश देने का अनुरोध है जिससे नागरिकों को संसद में अर्जी के माध्यम से अपनी बात पहुंचाने और उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों पर देश के शीर्ष विधायी निकाय में चर्चा शुरू करवाने की व्यवस्था हो।

यह याचिका शुक्रवार को न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई।

पीठ ने याचिकाकर्ता करण गर्ग की ओर से पेश वकील से याचिका की एक प्रति केंद्र सरकार के वकील को देने को कहा और मामले की सुनवाई फरवरी के लिए स्थगित कर दी।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रोहन जे अल्वा ने दलीलें रखी।

याचिका में यह घोषित करने की मांग की गई है कि संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1)(ए) और 21 के तहत नागरिकों को उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों पर बहस, चर्चा और विचार-विमर्श की मांग को लेकर सीधे संसद में आवेदन का मौलिक अधिकार हैं।

याचिका के अनुसार, ‘वर्तमान रिट याचिका में प्रार्थना की गई है कि प्रतिवादियों (केंद्र और अन्य) के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाना अनिवार्य है कि किसी बाधा और कठिनाइयों का सामना किए बिना नागरिकों की संसद में अपनी आवाज सुनी जा सके।’

याचिका में कहा गया है कि देश का एक सामान्य नागरिक जब वोट डाल देता है और प्रतिनिधियों को चुन लेता है तो आगे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उसकी भागीदारी की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती है।

याचिका में कहा गया है कि किसी भी औपचारिक तंत्र का पूर्ण अभाव है जिसके द्वारा नागरिक सांसदों के साथ जुड़ सकते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा सकते हैं कि संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस हो।

याचिका के अनुसार, ‘इस तंत्र की गैर-मौजूदगी निर्वाचित प्रतिनिधियों और नागरिकों के बीच एक शून्य पैदा करती है। लोग कानून बनाने की प्रक्रिया से अलग हो जाते हैं। भारतीय लोकतंत्र में पूरी तरह से भाग लेने के लिए नागरिकों को उनके निहित अधिकारों से दूर करना गंभीर चिंता का विषय है और यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे तुरंत निपटाने की आवश्यकता है।’

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.