नवादा में शिक्षा मंत्री के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दायर, शिक्षा मंत्री के मुश्किलें बढ़ी
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान के बाद उनका जगह-जगह विरोध शुरू हो गया है. उन पर कार्रवाई की मांग की जा रही है. बयान को वापस लेने के लिए कहा जा रहा है लेकिन चंद्रशेखर अपने बयान पर कायम हैं. इसी कड़ी में नवादा में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विरुद्ध परिवाद दायर कराया गया है.शहर के न्यू एरिया निवासी राजेश कुमार सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से यह परिवाद दायर किया है.राजेश कुमार ने बताया कि पिछले दिनों एक दीक्षांत समारोह में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया गया था. आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी. इसी को लेकर शिकायत की गई है.बता दें कि प्रोफेसर चंद्रशेखर ने यह बयान दिया है कि रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. यह समाज में पिछड़ों, महिलाओं और दलितों को शिक्षा हासिल करने से रोकता है. यह उन्हें बराबरी का हक देने से रोकता है. चंद्रशेखर ने दावा किया कि बाबा साहब आंबेडकर भी मनुस्मृति के खिलाफ थे. मनुस्मृति के बाद रामचरितमानस ने नफरत के इस दौर को आगे बढ़ाया. इसी बयान को लेकर पूरे देश में बवाल जारी है.
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