नवादा में शातिर दयानंद यादव गिरफ्तार, मदन बनकर सरकारी स्कूल में कर रहा था नौकरी, लंबे समय से चल रहा था फरार
सन्नी भगत
नवादा। शिक्षा विभाग को चूना लगाने वाला एक फर्जी शिक्षक को पुलिस ने एफआईआर दर्ज होने के 16 महीने बाद गिरफ्तार किया है. इसका असली नाम दयानंद यादव है, जबकि ये मदन कुमार बन कर फर्जी प्रमाणपत्र पर शिक्षक बनकर नौकरी कर रहे थे.
जिले के रजौली थानाध्यक्ष दरबारी चौधरी ने नरहट थाना क्षेत्र के कुशा गांव में छापेमारी कर फर्जी प्रमाण पत्र पर शिक्षक बनकर नौकरी करने वाले रामस्वरूप यादव के पुत्र दयानंद यादव को उसके घर से गिरफ्तार किया गया है.
पूछताछ के फर्जी शिक्षक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
फरार चल रहे फर्जी शिक्षक की गिरफ्तारी के बाद प्रखंड क्षेत्र में फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल अन्य शिक्षकों में खलबली मच गई है. सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच निगरानी द्वारा की जा रही है.
क्या था फर्जी शिक्षक का मामला
17 अगस्त 2021 को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी दिगंबर ठाकुर ने रजौली थाने में लिखित शिकायत दर्जनकाराई थी. आवेदन में कहा गया था कि प्रखंड के बहादुरपुर पंचायत के प्राथमिक विद्यालय महियारा में जाली प्रमाण पत्र बनाकर मदन कुमार पिता- जगदीश प्रसाद,ग्राम_कुशा, थाना_नरहट, जिला_नवादा के निवासी के नाम पर शिक्षक के पद पर पदस्थापित है.पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कि थी. तब से ही गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयासरत थी. लेकिन वे पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ रहे थे.
दरअसल, नरहट थाना क्षेत्र के कुशा गांव के रहने वाले मदन कुमार ने लिखित आवेदन देकर इस बात की जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया था कि दयानंद फर्जीवाड़ा कर मदन कुमार के नाम से नौकरी कर रहे हैं. उन्हीं के लिखित आवेदन के आलोक में शिक्षा विभाग ने पूरे मामले की तह तक जाकर जांच की थी.काफी प्रयासों के बाद वह पुलिस की गिरफ्त में आए है।
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