नवादा में धूल फांक रहा सदर अस्पताल में बने ऑक्सीजन प्लांट, पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से किया था उद्घाटन
सन्नी भगत
नवादा। नवादा सदर अस्पताल परिसर में कोविड-19 को लेकर NHI के द्वारा तैयार ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया गया था. जो अब शोभा की वस्तु बनकर रह गई है.
देश में कोरोना के नए वैरिएंट की दस्तक के बाद से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. लेकिन नवादा का हाल बेहाल है.सदर अस्पताल में पीएम केयर्स फंड से बने ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया था.जो अभी तक उपयोग में नहीं आया है. प्लांट स्थापित करने के पीछे यह योजना थी कि अस्पताल के हर वार्ड व बेड तक आक्सीजन की पाइप लाइन के साथ पहुंचाया जाएगा.इसके लिए ऑक्सीजन प्लांट में अलग से बिजली ट्रांसफार्मर व कनेक्शन की साथ जनरेटर भी लगाया गया था.
लेकिन टेक्नीशियन के अभाव में यहां ग्रहण लग गया है. स्थापना के बाद भी मरीजों की यह अहम इकाई अनुपयोगी बनी हुई है. जब इसकी स्थापना हुई थी. लोगों को लगा था कि अब शायद इमरजेंसी में आक्सीजन के लिए मरीजों को परेशान नहीं होना पड़ेगा और विभाग को भी इससे काफी सहूलीयत होगी. लेकिन आज विभागीय अनदेखी की वजह से अस्पताल की जरूरतों के लिए आक्सीजन बाजार से हजारों रुपये खर्च कर मंगवाया जा रहा है और नया प्लांट यूं ही हाथी का दांत बना है.केंद्र सरकार की ओर से मरीजों की सुविधा के लिए सदर अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कराया गया हैं.
बता दें कि लगभग एक करोड़ से अधिक की लागत से पीएम केयर से डीआरडीओ व एनएचएआई के संयुक्त प्रयासों से उक्त आक्सीजन प्लांट की स्थापना कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए की गई थी.
गौरतलब हो की कोरोना काल में जिस तरह से ऑक्सीजन को लेकर परेशानी बढ़ी थी. उस पर काबू पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया था मगर सदर अस्पताल में बने पीएम केयर्स फंड से बने ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़े है.ऑक्सीजन प्लांट धूल फांक रहा और ऑक्सीजन प्लांट में ताले लटके है.ऑक्सीजन प्लांट लगाने का मकसद था की आने वाले समय में कभी भी ऑक्सीजन की किल्लत नहीं होगी.ऑक्सीजन प्लांट के उद्घाटन होने से लोगों को राहत मिलेगी और यह सरकार की एक बेहतर पहल है.मगर धरातल पर कुछ सही नहीं दिख रहा है।
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