नवनियुक्त नेवी चीफ ने पदभार संभालते ही मां के पैर छूकर लिया आशीर्वाद

एडमिरल त्रिपाठी ने ऐसे समय में नौसेना की कमान संभाली, जब लाल सागर और अदन की खाड़ी के साथ-साथ विभिन्न रणनीतिक जलमार्गों पर सुरक्षा चुनौतियां हैं। वर्तमान में हूती विद्रोही इन क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं, वे व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं। 

Apr 30, 2024 - 17:00
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नवनियुक्त नेवी चीफ ने पदभार संभालते ही मां के पैर छूकर लिया आशीर्वाद

नई दिल्ली (आरएनआई) एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भारतीय नौसेना प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण किया। इस दौरान खास बात यह रही कि पदभार संभालते ही वे सीधा अपनी मां रजनी त्रिपाठी के पास गए और पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। यह देख वहां मौजूद सभी अधिकारी भावुक हो गए। उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। रायसीना हिल्स के साउथ ब्लॉक के लॉन में उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। 

उनहोंने कहा कि मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि मैं नौसेना को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार कर सकूं। मेरी कोशिश रहेगी की मैं आत्मनिर्भरता की दिशा में और नई तकनीकों को अपनाने की दिशा में काम करूं। विकसित भारत के तहत मैं भारतीय नौसेना के प्रयासों को मजबूत करूंगा। उन्होंने कहा कि मेरी प्राथमिकता हैं कि हम हमारे जवानों को और कुशल बनाएं। मैं उन्हें सर्वोत्तम हथियार, प्रशिक्षण और पेशेवर वातावरण के साथ प्रशासनिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए काम करूंगा। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से हमारी नौसेना युद्ध के लिए और अधिक तैयार हुई है। नौसेना को मजबूत करने के लिए मैं सभी पूर्व प्रमुखों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। 

एडमिरल त्रिपाठी ने ऐसे समय में नौसेना की कमान संभाली, जब लाल सागर और अदन की खाड़ी के साथ-साथ विभिन्न रणनीतिक जलमार्गों पर सुरक्षा चुनौतियां हैं। वर्तमान में हूती विद्रोही इन क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं, वे व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं, जिससे शिपिंग लागत बढ़ रही है। 

सैनिक स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने गोवा के नेवल वॉर कॉलेज और अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज में भी कोर्स किया है। उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल और नौसेना मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।

वाइस एडमिरल त्रिपाठी का 15 मई 1964 को जन्म हुआ था। दिनेश कुमार त्रिपाठी सैनिक स्कूल रीवा के छात्र रहे हैं। 1 जुलाई, 1985 को वह भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे। संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ वाइस एडमिरल त्रिपाठी का करीब 40 वर्ष का लंबा करियर रहा है।

नौसेना के उप प्रमुख का पद संभालने से पहले वह पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं। उन्होंने आईएनएस विनाश की भी कमान संभाली थी। रियर एडमिरल के तौर पर वह ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग रह चुके हैं। वह भारतीय नौसेना अकादमी एझिमाला के कमांडेंट भी रह चुके हैं।

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