नर्सिंग कर्मचारी संघ बोला- दो दिन की हड़ताल करेंगे, अधिकारी ने ESMA के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी
ओडिशा नर्सिंग कर्मचारी संघ द्वारा 27 अगस्त से काम बंद आंदोलन की धमकी दिए जाने के बाद एस्मा लगाया गया था। अब एक बार फिर संघ ने हड़ताल का एलान किया है, जिस पर नर्सिंग निदेशक ने कार्रवाई की चेतावनी दी है।
भुवनेश्वर (आरएनआई) कोलकाता में डॉक्टर की दुष्कर्म-हत्या के विरोध में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच चिकित्सा सेवाएं बाधित न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए ओडिशा सरकार ने पिछले महीने स्वास्थ्य क्षेत्र में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाते हुए आवश्यक सेवा रखरखाव (ESMA) अधिनियम लागू किया था, जो अभी जारी है। इस बीच ओडिशा नर्सिंग कर्मचारी संघ (ओएनईए) ने 25 से 26 सितंबर तक दो दिवसीय हड़ताल बुलाई है। इसी को लेकर नर्सिंग निदेशक ने विरोध करने वाले नर्सिंग अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सभी राज्य-संचालित स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रमुखों को पत्र लिखा है।
नर्सिंग निदेशक एमडी डॉ. अर्तबंधु नायक ने ओएनईए के हड़ताल करने के एलान पर राज्य-संचालित स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रमुखों को पत्र लिखा। कहा कि सरकार द्वारा सात अगस्त को जारी आदेश के अनुसार आवश्यक सेवा रखरखाव (ESMA) अधिनियम छह महीने के लिए लागू रहेगा। इसलिए अनुरोध है कि नर्सिंग अधिकारियों के विरुद्ध तत्काल उचित कार्रवाई करें। इसके अलावा, नर्सिंग अधिकारियों द्वारा काम बंद करने के रूप में की गई हड़ताल के बारे में तत्काल निदेशालय को रिपोर्ट करें, ताकि आगे की आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
ओएनईए के महासचिव ने 18 सितंबर को ओडिशा के मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा था कि राज्य भर के सभी सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग अधिकारियों द्वारा 25 और 26 सितंबर को हड़ताल बुलाई जाएगी। बाद में राज्य भर के सभी नर्सिंग अधिकारियों द्वारा सरकारी अस्पतालों और कार्यस्थल पर 27 सितंबर से अनिश्चितकालीन काम बंद कर दिया जाएगा।
ओडिशा आवश्यक सेवा (रखरखाव) अधिनियम 1988 (ओडिशा अधिनियम 9, 1992) की धारा-2 के साथ पठित धारा-3 द्वारा प्रदत्त शक्ति के अनुसार, जनता के हित में, राज्य सरकार नर्सों, पैरामेडिक्स, तकनीशियनों, अन्य श्रेणी III और श्रेणी-IV द्वारा काम बंद करने के रूप में हड़ताल पर रोक लगा सकती है।
अधिसूचना में कहा गया था, 'जनता के हित में, राज्य के सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में नर्सों, फार्मासिस्टों, पैरामेडिक्स, तकनीशियनों और अन्य तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों द्वारा काम बंद करने के रूप में हड़ताल पर रोक लगाना आवश्यक है।
यह जिला मुख्यालय अस्पतालों, उप-मंडल अस्पतालों, क्षेत्रीय अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी, नगर पालिका अस्पतालों और ईएसआई अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं के रखरखाव से जुड़ी सेवाओं/कार्यों में संविदा कर्मचारियों पर भी लागू होता है। इसके अलावा, सरकार द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों तथा राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त करने वाली अन्य स्वायत्त स्वास्थ्य संस्थाओं, विशेष रूप से आचार्य हरिहर पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर, क्षेत्रीय स्पाइनल इंजरी सेंटर, जेल अस्पतालों और पुलिस अस्पतालों में काम करने वाले कर्मचारियों को भी अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत कवर किया जाएगा।
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