नरेंद्र मोदी में हिम्मत है तो मतपत्र से चुनाव कराके दिखा दें - दिग्विजय सिंह

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की सलाह को नरेंद्र मोदी ने किया दरकिनार - दिग्विजय सिंह

Feb 20, 2024 - 19:02
Feb 20, 2024 - 19:16
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नरेंद्र मोदी में हिम्मत है तो मतपत्र से चुनाव कराके दिखा दें - दिग्विजय सिंह

गुना (आरएनआई) राज्यसभा सांसद और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ईवीएम के साथ वीपीपैट मशीनों पर भी संदेह जाहिर किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग द्वारा वीवीपैट मशीन में एक सॉफ्टवेयर अपलोड किया जाता है। देश के 6 हजार से ज्यादा रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस और सिविल सोसायटी के सदस्य भी इस बारे में पत्र लिख चुके हैं, लेकिन चुनाव आयोग यह बताने को तैयार नहीं है कि वीवीपैट में कौन सा साफ्टवेयर अपलोड किया जाता है और उसकी चिप कहां से आती है? दिग्विजय ने पीएम नरेंद्र मोदी को भी चुनौती दी है कि अगर उनमें हिम्मत है तो मतपत्र से चुनाव कराएं। ईवीएम मशीन हटाते ही भाजपा 200 सीटों पर सिमट जाएगी। पूर्व सीएम ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस की लड़ाई अब ईवीएम के खिलाफ है। 22 फरवरी को इस मुद्दे पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर विपक्षी दलों द्वारा धरना भी दिया जाएगा।

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से संबंधित तैयारियों की समीक्षा करने गुना पहुंचे थे। उन्होंने एबी रोड स्थित प्रीतम वाटिका परिसर में जिला पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं की बैठक ली और यात्रा को ऐतिहासिक बनाने का आव्हान किया। दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्ताओं से आग्रह कि खेती-किसानी का सीजन होने के बावजूद वह एक दिन न्याय यात्रा के लिए निकालें, क्योंकि राहुल गांधी गरीबों, शोषितों की लड़ाई लड़ रहे हैं, इसलिए उनका सहयोग करने के लिए आगे आना होगा। हालांकि न्याय यात्रियों की तैयारियों के बीच दिग्विजय सिंह के निशाने पर पीएम मोदी, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अलावा चुनाव आयोग भी रहा। दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि उन्हें साल 2003 से लेकर अब तक ईवीएम पर भरोसा नहीं है। दिग्विजय सिंह आज गुना में कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मेहरबानसिंह धाकड़, बमौरी विधायक ऋषि अग्रवाल, संगठन मंत्री विश्वनाथ तिवारी, पूर्व  मंत्री केएल अग्रवाल, नूरुल हसन नूर, नरेंद्र लाहोटी, विजय साहू, सीमा यादव, गोपाल शर्मा, रणवीर कुशवाह, मानसिंह परसौदा, रजनीश शर्मा, कैलाश नारायण भार्गव,  वीरेंद्र सिंह सिसोदिया, सत्यप्रकाश विजयवर्गीय, राजेन्द्र तिवारी, पंकज कनेरिया, शेखर बशिष्ठ, आलोक नायक, दीपेश पाटनी, हर्ष मेर, विक्रम तोमर, बीटू रघुवंशी, राजू कोरी, प्रमोद रघुवंशी, फलेषु सिसोदिया सहित समस्त बमौरी एवं गुना विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता मौजूद थे।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता बरकरार रखने के लिए केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि संवैधानिक संस्था के सदस्यों में पीएम के अलावा सीजेआई और विपक्ष के नेता होना चाहिए। लेकिन पीएम मोदी की सरकार ने इस सुझाव को नहीं माना। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने स्थानीय भाषा में ईवीएम व केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हास्य-व्यंग्य किया। 

आखिर में उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि वीवीपैटी की पर्चियों को गिना जाए, इसके बाद भाजपा को सभी 543 लोकसभा सीटें मिल जाएं तो कोई ऐतराज नहीं। दिग्विजय ने दावा किया कि भाजपा की चोरी पकड़ी गई है। 

ईवीएम का जिक्र करते हुए दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि हाल ही में विधानसभा चुनाव के दौरान अगर मशीनों में गड़बड़ नहीं होती तो ऋषि अग्रवाल कम से कम 40 हजार वोटों से जीतते। राघौगढ़ में जयवर्धन सिंह को 25 हजार से जीत मिलती और चांचौड़ा में कांग्रेस 60 हजार से नहीं हारती। दिग्विजय ने चंडीगढ़ में मेयर इलेक्शन का जिक्र करते हुए कहाकि सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की चोरी पकड़ी है। भाजपा की जितनी भी सरकारें बन रही हैं वह ईवीएम का मत है, जनमत नहीं है। भाजपा 5 साल जनता का पैसा लूटती है, फिर कुछ पैसा और शराब बांटकर उन्हें आकर्षित करने का प्रयास करती है।

राम मंदिर मुद्दे पर दिग्विजय सिंह ने भाजपा, आरएसएस को आड़े हाथों लेते हुए तंज कसा है कि दोनों ही संगठन 500 सालों के संघर्ष के बाद भगवान श्रीराम को लाने की बात कहते हैं। यह समझना होगा कि जो लोग नीरव मोदी और विजय माल्या को नहीं ला पा रहे हैं वह राम को क्या लाएंगे? राम मंदिर आंदोलन का जिक्र करते हुए दिग्विजय सिंह ने उत्तरप्रदेश के सीएम आदित्यनाथ पर आरोप लगाया कि वह नाथ परम्परा के अनुकूल चलने वाले व्यक्ति नहीं है। दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने राम मंदिर को लेकर देशवासियों की भावनाओं को समझते हुए तत्कालीन नारायण दत्त तिवारी सरकार के दौरान अविवादित भूमि पर शिलान्यास कर दिया था। लेकिन लालकृष्ण आडवाणी ने रथ यात्रा निकाली हिंदू-मुस्लिमों में दरार डाली और विश्व हिंदू परिषद ने एजेण्डा चलाकर मंदिर विध्वंश करा दिया। 

उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कोठारी बंधुओं को सम्मान नहीं दिया गया। जितने लोग फायरिंग में मरे उनका सम्मान नहीं हुआ। दिग्विजय के मुताबिक इस समय लोकतंत्र खतरे है। सामाजिक स्वरूप खतरे में है। कांग्रेस नेताओं के भाजपा में जाने पर दिग्विजय ने दावा किया कि जो लोग ईडी, सीबीआई से डरते हैं वही भाजपा में जा रहे है। 

मध्यप्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों का जिक्र करते हुए दिग्विजय ने आरोप लगाया कि ऐसे लोग भ्रष्टाचार के लिए चुनाव लड़ते हैं। उनके पास पहले कुछ नहीं था अब दुबई में भी सम्पत्तियां हैं। यह वे लोग हैं जो अपने साथ बेईमान कांग्रेसियों को भी भाजपा में ले जाते हैं। भाजपा कांग्रेस मुक्त भारत बनाने निकली थी। लेकिन अब भाजपा कांग्रेसयुक्त हो गई है।

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