'नफरत की राजनीति का शिकार होकर मेरी पत्नी ने जमीन वापस करने का लिया फैसला', मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का दावा
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि पार्वती नफरत की राजनीति का शिकार हैं और मानसिक प्रताड़ना झेल रही हैं। मैं माफी मांगता हूं। प्लॉट वापस करने के अपनी पत्नी के फैसले का सम्मान करता हूं।
बेंगलुरु (आरएनआई) मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया लगातार विवादों में बने हुए हैं। अब उनकी पत्नी पार्वती बीएम की ओर से मुडा को 14 विवादित प्लॉट वापस लौटाने के फैसले पर सियासत गरमा गई है। सीएम सिद्धारमैया का कहना है कि उनकी पत्नी ने उनके (सिद्धारमैया) खिलाफ चल रही 'नफरत की राजनीति' का शिकार होकर यह निर्णय लिया है। वह खुद उनके कदम से हैरान हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'पार्वती मेरे खिलाफ नफरत की राजनीति का शिकार हैं और मानसिक प्रताड़ना झेल रही हैं। आई एम सॉरी। हालांकि, मैं प्लॉट वापस करने के अपनी पत्नी के फैसले का सम्मान करता हूं। मेरी पत्नी पार्वती ने मैसूर में मुडा (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) को जमीन वापस कर दी है। राज्य की जनता भी जानती है कि विपक्षी दलों ने मेरे खिलाफ राजनीतिक द्वेष पैदा करने के लिए झूठी शिकायत रची और मेरे परिवार को विवाद में घसीटा।
उन्होंने आगे कहा, 'मैं झुके बिना इस अन्याय के खिलाफ लड़ने वाला था, लेकिन मेरे खिलाफ चल रहे राजनीतिक षडयंत्र से परेशान मेरी पत्नी ने ये प्लॉट वापस करने का फैसला लिया है, जिससे मैं भी हैरान हूं। मेरी पत्नी ने मेरी चार दशक लंबी राजनीति में कभी हस्तक्षेप नहीं किया और अपने परिवार तक ही सीमित रहीं।
सीएम ने कहा, 'पार्वती मेरे खिलाफ नफरत की राजनीति का शिकार हैं और मानसिक प्रताड़नाएं झेल रही हैं। मुझे माफ करिए। मैं प्लॉट वापस करने के अपनी पत्नी के फैसले का सम्मान करता हूं।
सिद्धारमैया की पत्नी बीएन पार्वती ने हाल ही में मुडा को 14 विवादित प्लॉट वापस लौटाने का फैसला किया है। उन्होंने मुडा के कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा था, 'मुझे कसाबा होबली के केसारे गांव में मेरे 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन के बदले मैसूर में विजयनगर के तीसरे और चौथे फेज में 14 वैकल्पिक प्लॉट आवंटित किए गए थे। मैं सेल डीड कैंसिल करके 14 साइटों को वापस करना चाहती हूं।
उन्होंने आगे कहा था, 'कुछ लोग पूछ सकते हैं कि इस समय ऐसा फैसला क्यों लिया? मैंने यह फैसला उसी दिन लिया था जिस दिन आरोप लगे थे। चूंकि मुडा प्लॉट आवंटन के संबंध में आरोप राजनीति से प्रेरित थे, इसलिए कुछ शुभचिंतकों ने सलाह दी कि हमें इस अन्याय के खिलाफ लड़ना चाहिए और उनकी योजनाओं का शिकार नहीं बनना चाहिए। इसलिए मैं शुरू में प्लॉट वापस करने से पीछे हट गई। मैं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और मीडिया के सदस्यों से अपील करती हूं। कृपया राजनीतिक परिवारों की महिलाओं को विवाद में न घसीटें। उन्हें राजनीतिक विवादों में शामिल करके उनकी गरिमा और सम्मान को नुकसान न पहुंचाएं।
ईडी अपनी प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) में सिद्धारमैया के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराएं लगाई है। ऐसे में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके खिलाफ धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज करने पर मंगलवार को सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मुडा मामला इसके प्रावधानों के लायक नहीं है।
उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि किस आधार पर यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है। शायद आप भी ऐसा ही महसूस करते हैं। मेरे अनुसार, यह धन शोधन का मामला नहीं बनता है क्योंकि खुद जमीनें दी गई थीं। ऐसे में यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला कैसे हो सकता है?
सोमवार को ईडी ने अपनी प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) में सिद्धारमैया के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराएं लगाई है। उन्होंने अपने इस्तीफे की संभावना से भी इनकार किया। उन्होंने कहा, 'मैं विवेक के साथ काम करता हूं। इसलिए मुझे इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है।
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