नन्हे-मुन्ने स्वयंसेवकों ने दिया राष्ट्र प्रेम और समर्पण का संदेश
गुना (आरएनआई) अद्भुत, आश्चर्यजनक, प्रभावी वाकई दृश्य कुछ ऐसा ही था। जिसने भी देखा उसके मुँह से यह शब्द स्वत: ही निकल पड़े। अवसर था रविवार को निकाले गए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शिशु पथ संचलन का। शहर के गुरुद्वारा साहेब परिसर से शुरु हुए संचलन में नन्हे-मुन्ने स्वयंसेवकों ने दंड सहित पूर्ण गणवेश में शामिल होकर राष्ट्र प्रेम और समर्पण का संदेश दिया।
संचलन में घोष की ताल पर स्वयंसेवक पूर्ण अनुशासनबद्ध तरीके से कदमताल करते हुए निकले। जिन मार्गों से भी यह संचलन निकला लोग न सिर्फ कौतुहल से मंत्रमुग्ध होकर इसे निहारते रहे, बल्कि स्वप्रेरित होकर स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा कर इसका स्वागत भी किया।
संचलन मानस भवन,शास्त्री पार्क,लक्ष्मीगंज,जयस्तम्भ चौराहा,पुराना बस स्टैण्ड तिराहे होते हुए वापस गुरुद्वारा साहेब पहुँचकर समाप्त हुआ।
इससे पहले स्वयंसेवकों को गुरुद्वारा साहेब परिसर में बौद्धिक नगर एवं खंड प्रचारक नरोत्तम यादव ने दिया।
मंचासीन अतिथियों में डॉ.श्वेता अरोरा ने अपने संबोधन में कहा कि नन्ने-मुन्ने बच्चों को इस तरह देखकर उन्हे काफी प्रसन्नता हो रही है। उन्होने बच्चों से राष्ट्र के लिए कार्य करने का आग्रह किया। इस मौके पर नगर सह संघचालक महैन्द्र सिंह संधू भी मंचासीन रहे।
बच्चें को भारतीय संस्कृति से जोड़े : नरोत्तम यादव
पथ संचलन से पूर्व गुरुद्वारा साहेब परिसर में स्वयंसेवकों के बौद्धिक प्रदान करते हुए नगर एवं खंड प्रचारक नरोत्तम यादव ने पालकों से आग्रह करते हुए कहा कि वह अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़ते हुए उनके व्यक्तित्व का निर्माण करें। जिससे वह सुसंस्कारित राष्ट्र निर्माण में सहभागी बन सके। किसी भी देश की संस्कृति ही उसे अक्षुण्ण रख पाती है। उन्होने रोम,मिश्र,युनान सब मिट गए जहां से आखिर कुछ तो बात है कि हस्ती मिटती रही हमारी को दोहराते हुए कहा कि जिनकी संस्कृति मिटी वह देश दुनिया के नक्शे से ही मिट गए।
उन्होने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी अपनी स्थापना काल से ही व्यक्ति निर्माण करता चला आ रहा है। यह साल संघ का शताब्दी वर्ष है। नरोत्तम यादव के अनुसार भारत वीरों की भूमि रही है और उसमें बच्चों ने भी अपनी सहभागिता दर्ज कराई है। जिस बच्चे भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा है। उसने अपने बचपन में ही शेर का जबड़ा फाड़ दिया था।
उन्होने कहा कि जिस समय यह कहा जाता था कि चार हिन्दू तब एक साथ चलते है, जब उनके कंधे पर पांचवा हो, तब संघ की स्थापना की गई थी और आज यह संगठन दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है। संघ के स्वयंसेवक पूरी दुनिया सक्रिय रहकर सेवा कार्य में जुटे हुए है।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB
What's Your Reaction?






