नगर पालिका गुना में व्यापक सांठ गांठ और मिलीभगत से अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त कर्मी का नामांतरण में बोलबाला
पूर्व कलेक्टर को डेढ़ दर्जन प्रकरण सहित दस्तावेजों में नामांतरण में पाया गया फर्जीवाडा, जांच को डूडा अधिकारी ने पाया प्रकरण में नियम विरुद्ध स्वीकृत किए गए,पूर्व कलेक्टर ने टीएल में कार्यवाही हेतु रखा गया,फाइल में जांच तो हुई,कार्यवाही लंबित हैं?
गुना (आरएनआई) शहर में नगर पालिका परिषद में नामांतरण शाखा में नामांतरण करने में सभी नियमों को ताक में रखकर कूट दस्तावेज से फर्जी नामांतरण सालों से किए जा रहे हैं। उक्त नामांतरण के प्रकरणों की जानकारी जैसे ही बाहर निकली तो पूर्व कलेक्टर को मीडिया ने लिखित शिकायत करते हुए नामांतरण प्रभारी के स्वीकृत प्रकरण सौंप कर जांच कर उक्त कर्मी को अनियमितताएं बरतने पर निलंबित कर गुना से हटाने की मांग की थी।
आरटीआई से मिली जानकारी अनुसार डूडा अधिकारी ने 15 प्रकरणों की जांच कलेक्टर से प्राप्त होने पर विस्तृत जांच में अधिकांश प्रकरण को नियम विरुद्ध नामांतरण करना पाया,वही कुछ प्रकरण वारिसों की आपत्ति के बाद भी नामांतरण करना पाया,कुछ में दस्तावेज कूट तरीके लगाकर नामांतरण किए, कुछ नियम विरुद्ध थे,जिससे सिद्ध होता था कि आर्थिक लाभ अर्जित किया गया हैं। जनचर्चा यह भी कि भूमाफिया,कॉलोनाइजरों सहित बड़े सफेद पोश नेताओं के कार्य को हितबद्ध रूप से भी जुड़ा हैं उक्त कर्मी।
नगरपरिषद और शहर में नगर पालिका परिषद में नामांतरण शाखा प्रभारी के बारे में आम चर्चा व्याप्त है कि वह एक अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त कर्मी हैं और अल्प समय मे आय से अधिक संपत्ति का मालिक बन गया है, जनचर्चा हैं कि उक्त नपा में कर्मी दलाल के रूप में सक्रिय है एवं नपा की परिषद के जनप्रतिनिधि सहित अधिकारियों का भी आशीर्वाद उसे प्राप्त है।
बता दे कि उक्त कर्मी के पूर्व में विवाद रहने के वाद उसे एक महत्वपूर्ण साखा के प्रभार दे दिया है, जबकि उससे वरिष्ठ कई कर्मचारी निकाय में पदस्थ है, जिससे नपा अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है!
यह भी जनचर्चा है कि नामान्तरण फॉर्म जमा करने के लिए ऑनलाइन के नाम पर इस कर्मी के द्वारा अवैध वसूली की जा रही है, जो व्यक्ति किसी ऑनलाइन शॉप से या खुद मोबाइल से ऑनलाइन करके फॉर्म जमा करने जाता है, तो उसे बेबजह परेसान किया जाता है!
उक्त कर्मी विवादित संपत्तियों के नामान्तरण कराने में माहिर है कई अवैध नामान्तरण पकड़े जा चुके हैं जिन्हें cmo ने निरस्त तो कर दिया पर इस कर्मी पर कोई कार्यवाही आज दिनाँक तक नही की है, आखिर क्या कारण है जो इस कर्मी को बचाया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि एक प्रकरण क्रमांक 653/19/7/1 में संपत्ति के कई बारिश होने के बाद भी एक बारिश के नाम नामान्तरण कर दिया जो हनुमान गली में स्थित है, आपत्ति आने के वाद उसे निरस्त कर दिया, अभी हाल ही में वार्ड 3 में एक नामान्तरण प्रकरण क्रमांक 842/23/7/1 के द्वारा अंतरजातीय वसीयतनामा के आधार पर किरायेदार के नाम पर नामान्तरण कर दिया जिसमें वसीयतनामा करने बाली महिला का मृत्यु प्रमाण पत्र भी नही है। उसमे भी आपत्ति आने पर cmo ने नामान्तरण तो कैंसिल कर दिया पर इन प्रकरणों में धोखा धड़ी करने बाले उक्त कर्मी पर कोई कार्यवाही आखिर क्यों नही की गई है।
सूत्र बताते हैं उक्त कर्मी ने इस प्रकार से कार्य कर अवैध कमाई कर के गायत्री मंदिर के पीछे आचार्य नगर एक आलीशान करोड़ो की कोठी का निर्माण किया है। वही सुविग सूत्रो ने बताया कि उक्त कर्मी के अवैध कमाई से बी जी रोड पर भी 2 प्लाट क्रय किये हैं, वही सूत्र बताते हैं कि ग्राम चोरौल ओर उसके आसपास 10,12 बीघा कृषि भूमि भी क्रय कर ली गई है जिसकी विभागीय स्वीकृति भी नहीं ली हैं!
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