नकली शराब से मौतों के बाद जागी स्टालिन सरकार, नियम और कड़े करने के लिए संशोधन विधेयक पारित
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि कल्लाकुरिची की घटना के बाद कलेक्टरों और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। उस बैठक में कहा था कि यदि भविष्य में किसी की जान जाती है तो पुलिस निरीक्षक और जिला पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार होंगे।
चेन्नई (आरएनआई) तमिलनाडु के कल्लाकुरिचि जिले में हाल ही में अवैध देशी शराब पीने से कम से कम 34 लोगों की मौत गई थी। नकली शराब से मौतों के बाद आखिरकार स्टालिन सरकार जग ही गई। अब उसने कड़े नियम करने को लेकर तमिलनाडु निषेध अधिनियम 1937 में संशोधन के लिए तमिलनाडु विधानसभा में विधेयक पेश किया। मंत्री एस मुथुसामी द्वारा पेश किए गए इस विधेयक को बाद में सदन ने पारित कर दिया। विधेयक में अवैध शराब के आयात, निर्यात, परिवहन, कब्जे, निर्माण, बोतलबंद और उपभोग जैसे अपराधों के लिए विभिन्न दंडों का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा, 'सरकार कुछ भी छिपा नहीं रही है और हमने कल्लाकुरिची घटना के सिलसिले में लोगों को गिरफ्तार किया है। यह सरकार अवैध शराब को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
उन्होंने आगे कहा, 'कल्लाकुरिची की घटना के बाद, मैंने कलेक्टरों और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। मैंने उस बैठक में कहा था कि यदि भविष्य में किसी की जान जाती है तो पुलिस निरीक्षक और जिला पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार होंगे। हम अपने राज्य में अवैध शराब को कम करने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं। मैं सभी से राजनीति को अलग रखने और तमिलनाडु में ड्रग्स को खत्म करने के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील करता हूं।
राज्य सरकार ने शनिवार को तमिलनाडु निषेध अधिनियम, 1937 में संशोधन किया ताकि जीवन को खतरे में डालने वाली अवैध शराब के निर्माण, रखने और बेचने जैसे अपराधों के लिए सजा की अवधि और जुर्माने की मात्रा में काफी वृद्धि की जा सके। तमिलनाडु निषेध (संशोधन) अधिनियम, 2024, जो सरकार द्वारा अधिसूचित तारीख को लागू होगा, का उद्देश्य राज्य से अवैध शराब के खतरे को पूरी तरह से समाप्त करना है।
कल्लाकुरिची शराब त्रासदी के मद्देनजर लाया गया यह संशोधन अधिनियम की धारा 4,5,6,7 और 11 के तहत विभिन्न अपराधों के लिए कारावास की अवधि और जुर्माने की मात्रा में पर्याप्त वृद्धि करता है। इसमें कहा गया है कि अवैध शराब पीने के कारण मौत के मामले में अवैध शराब तस्करों के लिए आजीवन कारावास की सजा होगी और उस पर कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना नहीं होगा।
कांग्रेस विधायक दल के नेता के. सेल्वापेरुन्थगई ने विधेयक का समर्थन करते हुए व्यवस्था में जांच और संतुलन बनाए रखने का सुझाव दिया। विशेष रूप से पुलिस को सभी शक्तियां देने के बजाय एक प्रवर समिति गठित करने की सलाह दी। पीएमके के जी के मणि ने सरकार से मांग की कि जहरीली शराब त्रासदी के लिए पुलिस या विशेष अधिकारी पर जिम्मेदारी तय की जाए और राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करने के लिए कदम उठाए जाएं। मंत्री एस मुथुसामी द्वारा पेश किए गए इस विधेयक को बाद में सदन ने पारित कर दिया।
इस सिलसिले में 49 वर्षीय (अवैध शराब विक्रेता) के.कन्नुकुट्टी को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा उसके पास से जब्त की गई करीब 200 लीटर अवैध शराब की जांच में सामने आया कि उसमें घातक 'मेथनॉल' मौजूद था। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन का कहना है कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है। एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इस घटना की समग्र विवेचना के लिए सीबी-सीआईडी जांच का आदेश दिया है।
सरकार ने घटना के बाद कल्लाकुरिची के जिलाधिकारी श्रवण कुमार जातावथ का तबादला कर दिया, जबकि पुलिस अधीक्षक समय सिंह मीणा को निलंबित कर दिया। नौ अन्य पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है, जिनमें कल्लाकुरिचि जिले की मद्यनिषेध शाखा के भी पुलिसकर्मी शामिल हैं। विपक्ष के नेता इडापड्डी के पलानीस्वामी ने स्थानीय समाचारों का हवाला देते हुए संवाददाताओं से कहा कि अवैध शराब पीने के बाद करीब 60 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा, 'जब से द्रमुक सरकार सत्ता में आयी है तब से अवैध शराब से मौतें हो रही हैं। मैं विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाता रहा हूं और कार्रवाई की मांग करता रहा हूं।
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